राजस्थान विधानसभा चुनाव के तहत भाजपा द्वारा जारी शुरुआती 4 सूचियों में वर्तमान सरकार में मंत्री यूनुस खान का नाम शामिल नहीं था। ऐसे में यही माना जा रहा था कि शायद इस बाद यूनुस खान को चुनावी मैदान में नहीं उतारा जाएगा। लेकिन भाजपा ने अपनी अंतिम लिस्ट में यूनुस खान को तुरुप के पत्ते की तरह टोंक से टिकट दिया और कांग्रेस के मुख्यमंत्री दावेदार कहे जाने वाले सचिन पायलट के सामने उतारा। Yunus Khan
यूनुस खान राजस्थान विधानसभा चुनाव-2018 में बीजेपी की तरफ से उतारे गए एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और सीएम पद की उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार सचिन पायलट को घेरने के लिए यूनुस खान को बीजेपी का ट्रंप कार्ड माना जा रहा है। Yunus Khan
बता दें, टोंक से पहले अजीत सिंह मेहता को टिकट दिया गया था। लेकिन जब पायलट ने टोंक से चुनाव लड़ने की घोषणा की तब मेहता का टिकट काट यूनुस को थमाया और तुरुप के इक्के की तरह इस्तेमाल किया।
नागौर जिले की डीडवाना सीट से दो बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बनने वाले और वर्तमान में परिवहन मंत्री यूनुस खान को अपने व्यवहार और काम के लिए प्रदेशभर में खासतौर पर जाना जाता है। Yunus Khan
यूनुस सरकार के लिए मुसीबत में बड़े काम के भी साबित हुए है। फिर चाहे वह प्रदेश में डॉक्टर हड़ताल हो या कर्मचारी हड़ताल, या फिर रोडवेज हड़ताल। इन जैसे कई गंभीर मसलों को निपटाने में यूनुस खान की अहम भूमिका रही है। यही वजह है कि कैबिनेट मंत्री सीएम राजे के काफी खास और निकट माने जाते रहे हैं। Yunus Khan
बात करें चुनावी समीकरणों की तो टोंक की कुल आबादी करीब 2 लाख है। इसमें से 65000 मुस्लिम, 45000 गुर्जर, 85000 एससी-एसटी और शेष अन्य हैं। यूनुस खान चूंकि प्रदेश में इकलौते मुस्लिम प्रत्याशी हैं तो यह वोट तो उन्हें मिलेंगे ही मिलेंगे। Yunus Khan
वर्तमान सरकार के साथ और कल्याणकारी योजनाओं को देखते हुए एससी-एसटी समुदाय व अन्य श्रेणी के आधे वोट भी अगर यूनुस खान को मिलते हैं तो यहां से उनकी जीत पक्की है। यहां से जीतने के बाद यूनुस न केवल अपनी जीत का डंका बजाएंगे, सचिन पायलट की कांग्रेस के ओर से मुख्यमंत्री की दावेदारी को भी खत्म कर देंगे। Yunus Khan