29 अप्रैल को ट्रैक्टर चालक की कथित हत्या के आरोप में कांग्रेस विधायक हरीश मीना 5वें दिन धरना व दूसरे दिन अनशन पर बैठे है. ऐसे में क्या 6 महीने में ही हरीश मीणा का कांग्रेस से मोह भंग हो गया? …या फिर अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करने की मंशा है. हालांकि बात छन कर ये भी आ रही कि रहीश मीणा मंत्री बनना चाहते है. हरीश मीणा पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से सांसद बने थे, इस बार विधानसभा में कांग्रेस की तरफ से जीतकर आए है. अब अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं.
क्या कांग्रेस विधायक हरीश मीणा देंगे इस्तीफा ?
ऐसे में कुछ राजनीति से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि हरीश मीणा इस्तीफा भी दे सकत है. हरीश मीणा देवली-उनियारा से विधायक हैं ऐसे में क्या उनका संभावित इस्तीफा किसी ‘गेम प्लान’ का हिस्सा है, या फिर यह है भावुक हरीश की आत्मा की आवाज? इसके बारे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता. कुछ लोगों का मानना है कि हरीश भी मीणा समाज के एक और क्षत्रप हो सकते है. अभी तक यह पदवी डॉ.किरोड़ी को अपने समाज से प्राप्त है.
रमेश मीणा को वार्ता कर मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खाद्यमंत्री रमेश मीणा को वार्ता कर मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी दी है. ऐसे में अब खाद्य मंत्री रमेश मीणा मुख्यमंत्री का संदेश लेकर जा रहे है. रमेश और हरीश दोनों ही पायलट समर्थक माने जाते है. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे है कि हरीश मीणा शायद अब मान जाएंगे.