दशकों बाद रामगढ़ बांध में पानी की आवक हुई शुरू, वसुंधरा राजे की कवायद लाने लगी रंग

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    रामगढ़ बांध को फिर से भरने की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कवायद अब रंग लाने लगी है। भाजपा सरकार ने रामगढ़ बांध को भरने के लिए कई योजनाओं पर काम किया था जिनमें जेडीए व नगर निगम को नदी बहाव क्षेत्र में आने वाले अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तो हो गया लेकिन, जेडीए ने रामगढ़ बांध को भरने वाली नदियों का अतिक्रमण हटाना अब शुरू कर दिया है। जयपुर विकास प्राधिकरण ने रामगढ़ बांध भराव तथा बहाव क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाते हुए यहां करीब 115 बीघा भूमि से कच्चे-पक्के निर्माण, खेती-बाड़ी, तारबंदी, अनिकट का ध्वस्तीकरण किया।

    35 गांवों से हटाया जा रहा अतिक्रमण
    जयपुर विकास प्राधिकरण विजिलेंस टीम की एसपी प्रीति जैन की मानें तो उन्होंने करीब 35 गांवों को चिन्हित किया है। जिनमें से 8 गांवों से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। वहीं पीटी सर्वे में 313 अतिक्रमण को चिन्हित कर 100 से ज्यादा अतिक्रमणों पर कार्रवाई की जा रही है। रामगढ़ बांध भराव क्षेत्र में आने वाले गांवों में मुख्यतया चिटाणुकला, लखेर, अर्निया, कालीघाटी, कंवरपुरा, चंदवाजी, सालड़वास, सुंदरकंवर गांव शामिल है। जेडीए एसपी प्रीति जैन ने बताया कि हमारी तरफ से 12 से 15 फिट के 4 अनिकटों को ध्वस्त कर दिया गया है जो अब तक इस काम की सबसे बड़ी चुनौती थी। हालांकि कार्रवाई में हुई देरी को स्वीकारते हुए उन्होने बताया कि पीटी सर्वे में चिन्हित स्थानों का मौके पर जाकर निरीक्षण करने में काफी समय लगता है। लेकिन हमने निष्पक्ष रूप से सभी अतिक्रमणों को हटाने का प्रयास किया है।

    रोड़ा नदी का अतिक्रमण हटाने में हो रही देरी
    वहीं, रामगढ़ बांध को तेजी से भरने वाली रोड़ा नदी भी पिछले दो दिन से काफी तेज बह रही है। लेकिन वहां से फिलहाल अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है इसलिए वो पानी खेतों में भर गया है जिसके कारण करीब 100 बीघा फसल बर्बाद होने की आशंका है। हालांकि गुलाबी नगरी के लिए अच्छी खबर यह है कि कई वर्षों तक जयपुर की प्यास बुझाने वाले रामगढ़ बांध में भी अब पानी पहले से कहीं ज्यादा भरने लगा है।

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