मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान में थी, हैं और रहेंगी, राजे के डर से कांग्रेसी फैला रहे हैं केंद्र में जाने की अफवाह

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Vasundhara Raje in Rajasthan


राजस्थान में भाजपा की सबसे कद्दावर नेता व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले भी थी, आज भी हैं और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी रहेंगी। प्रदेश में 2018 में होने वाले विस चुनाव में कांग्रेस अपनी करारी हार को लेकर सुनिश्चित बैठी हैं और यह अफवाह फैलाने का काम कर रही हैं कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को केंद्र में बुलाया जा रहा हैं। यह पहला मामला नही हैं इससे पहले भी कांग्रेसी राजस्थान की मुख्यमंत्री को दिल्ली भेज चुके हैं, लेकिन कांग्रेसियों का यह सपना ही रह जाता हैं क्योंकि जब तक राजे राजस्थान में हैं विरोधियों की छातियों पर सांप लोटते रहते हैं।

हार को डर सबसे भयंकर बीमारी

फिलहाल कांग्रेस को सबसे भयंकर बीमारी लगी हुई हैं। देश भर में जनता कांग्रेस को दरकिनार ही कर रही हैं ऐसे में राजस्थान में भी कांग्रेसियों को हार के डर की भयंकर बीमारी सता रही हैं। आखिर करे भी तो क्या?  एत करफ मोदी लहर तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री राजे का राजस्थान के लिए सेवा भाव और जनता का विश्वास। कांग्रेसियों को राजस्थान में 2018 में होने वाले चुनाव में हार का डर सता रहा हैं, जब चार राज्यों में अपना दम नही दिखा सके तो राजस्थान से तो उन्होने उम्मीदे ही छोड़ दी हैं। अब तो प्रदेश को कोई कांग्रेसी नजर भी नही आता, सभी राहुल बाबा के साथ आत्म मंथन करने के लिए गये हुए हैं।

राजस्थान में राजे को हराना मुश्किल ही नही नामुनकिन

कांग्रेस भले ही कितने भी हसीं मजाक कर ले, लेकिन आत्म ग्लानि और पशोपेश की दशा किसी से छुपाए नही छुपती। राजस्थान से मुख्यमंत्री राजे को दिल्ली भेजना को बच्चों का खेल हैं, बस अफवाहों के जरिए आप वसुंधरा मैड़म को दिल्ली दिखाना चाहते हो तो बड़ा तरस आता हैं। देश का केंद्र भी राजस्थान में वसुंधरा सरकार की सरहाना करते नही थकता और सभी कांग्रेस की तरह नही होते जो यहां तो लुटिया डुबों कर बैठे हो ओर उन्हे ही उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में चुनाव जीताने की कमान सौंप दी। खैर चाहे जो भी हो राजस्थान में एक भी कांग्रेसी ऐसा नही हैं जो मुख्यमंत्री राजे को दिल्ली के बारे में बता सकें।

भाजपा का सबसे मजबूत पक्ष हैं मुख्यमंत्री राजे

राजस्थान में भाजपा का सबसे मजबूत पक्ष ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं। राजस्थान से यदि मुख्यमंत्री राजे चले जाते हैं तो प्रदेश में भाजपा के पास कोई दूसरा विकल्प ही नही होगा। ऐसे में राजस्थान को केंद्र भी नही खोना चाहेगा। जरूरी हैं कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान में ही रहे और प्रदेश की जनता की सेवा करें।

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