वसुंधरा सरकार ने तैयार करवाया था दोरासर में शौर्य उद्यान, कांग्रेस ने जड़ दिया ताला

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    जयपुर। देशभर में हमारे सेना के जवानों के साहस और शहीदों के शौर्य की कहानियों के बारे में बताया जा रहा है। इन कहानियों में प्रदेश के झुंझुनूं जिले का जिक्र जरूर होता है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दोरासर में शौर्य उद्यान बनाया था। लेकिन प्रदेश में अशोक गहलोत की सरकार आने के बाद यह शौर्य उद्यान सरकारी तंत्र की उदासीनता के चलते जीर्ण शीर्ण हालत में है। शहीदों के शौर्य के नाम पर सरकार की नींद कई बड़े सवाल खड़े करती है। कांग्रेस सरकार के कारण इस उद्यान पर ताला लगा दिया गया है। अगर अशोक गहलोत इसके लिए बजट पास करते तो यहां कुछ और ही रोनक होती।

    सरकारी बदली तो काम भी अटक गया
    झुंझुनूं के दोरासर में राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से यह उद्यान एक साल में बनकर तैयार होना था। शुरुआत में तो इसका काम चला, लेकिन इसके बाद यह आज तक अधूरा है। सरकार बदली तो काम भी अटक गया। इसकी भव्यता का अंदाज आप इसी से लगा सकते हैं कि इसका निर्माण 20 बीघा में किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि यह देश का पहला ऐसा शौर्य उद्यान होगा। जो अब सिर्फ सरकार की उदासीनता के कारण आमजन के लिए नहीं खोला जा रहा है।

    तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने किया था लोकार्पण
    बजट नहीं मिलने के कारण यहां लाइटों, फुटपाथ, मुख्य प्रवेश द्वार, गार्ड रुम, पार्किंग और प्रतिमाओं को स्थापित करने का काम अटक गया है। खास बात ये है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस उद्यान का लोकार्पण भी कर चुकी हैं। उन्होंने 27 सितंबर 2018 को जयपुर से ही ऑनलाइन इसका लोकार्पण किया, लेकिन यह अधूरा होने से आज भी आमजन के लिए बंद है। झुंझुनूं जिले में शहीदों की याद में ऐसे शौर्य उद्यान की मांग एक दशक पुरानी है। तत्कालीन भाजपा सरकार ने इसे 2015 में माना और दोरासर में इसकी मंजूरी दी।

    21 तस्वीरों में सैनिकों के रण कौशल का प्रदर्शन
    आपको बता दें कि राजस्थान में अब तक 1600 से अधिक शहीद हो चुके हैं। इनमें 457 शहीद झुंझुनू के हैं। शौर्य उद्यान में 21 तस्वीरों के जरिए सैनिकों के रण कौशल का प्रदर्शन किया गया है। बताया गया कि एक सैनिक युद्ध का सामना कैसे करता है। इसके लिए यहां एक युद्ध मैदान का निर्माण किया गया है। यहां शूरवीरों की प्रतिमाएं धातु, मार्बल, फाइबर आदि से बनाई गई हैं।

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