जयपुर। राजस्थान में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की सूची इतनी लंबी हो चुकी है, जिसे जारी करने में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार और अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। आपको यह जानकर हैरान होगी कि प्रदेश हो रहे अपराध सु्प्रीम कोर्ट तक पहुंच गए है। सुप्रीम कोर्ट ने एक आपराधिक मामले में राज्य सरकार के जवाब के लिए समय मांगने पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है। साथ ही हर्जाने की शर्त पर राज्य सरकार को जवाब पेश करने की मंजूरी भी दे दी।
सीजेआई की खंडपीठ में सुनवाई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) की खंडपीठ ने यह निर्देश जयप्रकाश भगवानी की विशेष अनुमति याचिका पर दिया। एसएलपी में हाईकोर्ट के 27 नवंबर 2020 के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज करने वाले आदेश को चुनौती दी है। आरोपी के एडवोकेट दीपक चौहान ने बताया कि एसएलपी में हाई कोर्ट का आदेश रद्द कर प्रार्थी को जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाया 50 हजार का हर्जाना
एसएलपी में कहा है कि इस मामले में कोर्ट में चालान पेश हो चुका है और प्रार्थी हृदय रोगी है। केस की ट्रायल में काफी समय लगेगा इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए। पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि इस प्रकार हम एसएलपी पर 50 हजार रुपये का हर्जाना करते हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट वैलफेयर फंड में जमा कराया जाए।
महिलाओं के साथ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी
प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। खुद राजस्थान पुलिस की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में मई 2021 में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है। ये आंकड़े इसलिए चौंकाने वाले हैं क्योंकि कोरोना की वजह से लागू लॉकडाउन में अपराधों का ग्राफ काफी बढ़ा है। दूसरा पहलू ये भी है कि दर्ज हुए मामलों में निस्तारण की रफ्तार काफी धीमी रही।
छेडछाड़ मामले बेतहाशा बढ़े
राजस्थान पुलिस के पिछले तीन साल के जारी महिला अपराधों के आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में छेड़छाड़ के कुल 3054 मामले दर्ज हुए थे जो साल 2020 में कम होकर 2978 रह गए लेकिन साल 2021 के दौरान मई तक ऐसे मामले बेतहाशा बढ़ गए और इनकी संख्या 3508 तक पहुंच गई। रेप के मामलों में तो इस साल मई तक बेहद बढ़े हैं।
2 हजार 461 रेप केस
साल 2019 में जहां कुल 2298 और साल 2020 में 1807 रेप के केस दर्ज हुए थे वहीं इस साल मई तक कुल 2461 रेप केस दर्ज हो चुके हैं। महिला उत्पीड़न के दर्ज मामले भी इस साल बढ़े हैं। साल 2019 के 7058 और साल 2020 में दर्ज 4103 मामलों की तुलना में साल 2021 मई तक महिला उत्पीड़न के 6254 मामले अब तक दर्ज किये जा चुके हैं।