राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के इस 8वीं पास किसान का नाम पड़ा स्ट्रॉबेरी किंग, जानिए कैसे

0
2074
Strawberry farming in rajasthan

Strawberry Farming Rajasthan

राजस्थान के किसान हाल के वर्षों में पारंपरिक फसलों से हटकर कुछ नई फसलों का उत्पादन कर रहे हैं। जिसमें वे काफी हद तक सफल भी हो रहे हैं। इन सब में बड़ा योगदान केन्द्र और राजस्थान सरकार की योजनाओं का है जिसकी वजह से वे उन्नत फसल और अच्छा उत्पादन कर पा रहे हैं। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के किसानों ने वो कर दिखाया है जिसकी राज्य में होने की काफी कम संभावनाएं थी। आपने स्ट्रॉबेरी का नाम तो सुना ही होगा, देखने में अच्छा होने सा​थ स्वाद में भी रसीला होता है। लेकिन इसकी कीमतें हमेशा से ही आसमान पर होती है। जिसके कारण यह फल आमलोगों की पहुंच से बाहर रहता है।

जी हां, आज हम वही स्ट्रॉबेरी की बात कर रहे है। अब तक स्ट्रॉबेरी देश के अधिक शीतप्रदेशों में ही हुआ करती थी लेकिन चित्तौड़गढ़ के किसानों ने इसे मरूप्रदेश में भी संभव कर दिखाया है। हालांकि, अब पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश में भी स्ट्रॉबेरी की खेती की जाने लगी है। लेकिन इनसे पहले तक महंगा फल स्ट्रॉबेरी सिर्फ हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड जैसे शीतप्रदेशों में हुआ करता था। राजस्थान के किसानों की जीतोड़ मेहनत से अब यह प्रदेश में भी कई जगह उत्पादित किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज हम बात कर रहे है चित्तौड़गढ़ के उस किसान की जिसने स्ट्रॉबेरी के 12,000 पौधों की खेती की है। Strawberry Farming Rajasthan

strawberry farming rajasthan

6 साल के अथक प्रयास के बाद यहां तक पहुंचे हैं जगदीश

स्ट्रॉबेरी की कीमत हमेशा आसमान पर रहने से यह फल आमजन की पहुंच से बाहर रहता है। सामान्य एवं मध्यम वर्ग की पहुंच में लाने के लिए चित्तौड़गढ़ जिले का किसान जगदीश प्रजापत पिछले 6 वर्षों से मेहनत कर रहे है। चित्तौड़गढ़ ​की निम्बाहेड़ा तहसील के बांगरेड़ा-मामादेव गांव के जगदीश प्रजापत ने कुछ नया करने के जुनून में वो कर दिखाया जिसके बारे में राज्य में किसी ने अब तक सोचा तक नहीं था। उन्होंने शुरूआत में लगभग 10 बीघा जमीन में स्ट्रॉबेरी के पौधे रोपे। स्थानीय जलवायु और मिट्टी-पानी अनुकूल होने से उनका इसके प्रति और आत्मविश्वास बढ़ गया। हालांकि शुरूआत में उनसे खेती के दौरान कई गलतियां भी हुई लेकिन जगदीश ने इनसे सबक लेते हुए आज प्रतिवर्ष 7 बीघा तक जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। जगदीश द्वारा पैदा की गई स्ट्रॉबेरी आज पूरे राजस्थान सहित दिल्ली, गुजरात जैसे राज्यों तक जा रही है।

Read More: http://rajasthantruths.com/vasundhara-raje-in-antique-carpets-case/

स्ट्रॉबेरी खेती से प्र​तिबीघा 3 लाख रूपए तक का होता है शुद्ध लाभ

शुरूआत में जगदीश महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से स्ट्रॉबेरी के पौधे लेकर आये थे। जगदीश पिछले दो वर्षों से हिमाचल से भी पौधे आए। लेकिन अब वे अपने ही खेत के संग्रहित पौधों को बोकर फसल तैयार करने में लगे हुए हैं। जगदीश के अनुसार स्ट्रॉबेरी की खेती में प्रति बीघा खाद, उर्वरक और मेहनत पर लगभग तीन लाख रूपए तक का खर्च आता है, लेकिन खेती के लिए जरूरी सभी बातों को ध्यान में रखकर खेती की जाए तो करीब 2 से 3 लाख रूपए प्रतिबीघा का शुद्ध लाभ हो जाता है। जोकि अन्य किसी फसल से नहीं हो पाता है। इसलिए स्ट्रॉबेरी की खेती करना बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।

मांग के अनुसार शहरों में भेजी जाती है स्ट्रॉबेरी

जगदीश विभिन्न शहरों से आने वाली मांग के अनुसार, 2-2 किलोग्राम की ट्रे में स्ट्रॉबेरी की आकर्षक पैकिंग करते हैं। और बसों द्वारा उस शहर तक भेज देते हैं। स्ट्रॉबेरी का दो किलोग्राम का बॉक्स करीब 200 रूपए के हिसाब से बिकता है। जगदीश कृषि विभाग के विशेषज्ञों द्वारा बताए गए तरीके अपनाकर स्ट्रॉबेरी की सफल खेती कर रहे हैं। जगदीश स्ट्रॉबेरी की विभिन्न किस्मों में से एक विंटर किस्म अपने खेतों में अभी कर रहे हैं। Strawberry Farming Rajasthan

सितंबर माह में होती है स्ट्रॉबेरी के पौधों की रोपाई

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सितंबर अक्टूबर माह में पौधों की रोपाई की जाती है। इसकी फसल मार्च-अप्रेल तक उपज देती है। जानकारी के लिए बता दें, स्ट्रॉबेरी की विंटर के अलावा केमिला, नेबिला, स्वीट चार्ली, रानिया, ओफ्रा, पामारोज, चांडलर आदि किस्मों भी भी होती है जिनकी रोपाई बेहतर स्थानीय जलवायु के हिसाब से की जाती है।

80 से लेकर 600 रूपए प्रतिकिलो तक होती है स्ट्रॉबेरी की कीमत

देश के कई राज्यों में पैदा किया जाने वाला स्ट्रॉबेरी फल की कीमत 80 से लेकर 600 रूपए प्रतिकिलो तक होती है। जिससे किसानों का रूझान इस फसल की और बढ़ गया है। यहां तक कि अ​धिक मांग होने से अब कई किसान उन्नत स्ट्रॉबेरी किस्मों के लिए इटली से भी पौध मंगवा रहे है। Strawberry Farming Rajasthan

आने वाले समय में किसानों को स्ट्रॉबेरी की फसल से अच्छी आय तो होगी ही साथ ही देश में अधिक उत्पादन होने से स्ट्रॉबेरी आमजन की पहुंच में होगी। चित्तौड़गढ़ जिले के जगदीश प्रजापत का सफल प्रयोग के बाद अब राजस्थान के ज्यादा से ज्यादा किसानों को अधिक मुनाफे के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती अपनानी चाहिए। जिससे राज्य का किसान खुद को, परिवार को आ​र्थिक रूप से मजबूत बना सके। Strawberry Farming Rajasthan

RESPONSES

Please enter your comment!
Please enter your name here