जयपुर। सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की पहल अब धीरे-धीरे रंग ला रही है। इस पहल का ही नतीजा है कि अब फिर से वे दिन लौट रहे हैं जब आप रेल सफर के दौरान कुल्हड़ में गरमागरम चाय की चुस्कियों का आनंद उठाएंगे। उत्तर-पश्चिम रेलवे ने अपने सभी मंडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह स्टेशनों पर पर्यावरण अनुकूल जल्द ही अजमेर, जयपुर और जोधपुर समेत 25 और रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ वाली चाय मिलने लगेगी। इसकी प्रमुख वजह खाद्य सामग्री की बिक्री के लिए पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को तरजीह देना है।
इन रेलवे स्टेशनों पर मिलेंगी कुल्हड़ वाली चाय
स्टेशनों पर पर्यावरण अनुकूल खानपान उत्पादों का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए बीकानेर, सिरसा, भिवानी, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, हिसार, चुरू, सूरतगढ़, जोधपुर, पाली, बाड़मेर, नागपुर, जैसलमेर, भगत की कोठी, लूणी, जयपुर, झुंझुनू, दौसा, गांधीनगर, दुर्गापुर, सीकर, अजमेर, उदयपुर, सिरोही रोड और आबू रोड शामिल हैं।
रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ बनेंगे
केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष वी.के. सक्सेना ने बताया कि कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाने के लिए पिछले साल कुम्हार सशक्तिकरण योजना शुरू की थी। केवीआईसी ने अकेले राजस्थान में वर्ष 2018 से लेकर अब तक 1500 से भी अधिक इलेक्ट्रिक चाक वितरित किए हैं। केंद्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने ‘कुम्हार सशक्तिकरण योजना’ के तहत अब तक लगभग 6000 कुम्हारों को आजीविका प्रदान की है। पत्थरों के पुराने चाकों के स्थान पर 10,000 इलेक्ट्रिक चाकों का वितरण किया था ताकि कम समय में ज्यादा कुल्हड़ बन सकें। 400 रेलवे स्टेशनों की जरूरतों की पूर्ति के लिए केवीआईसी ने इस वर्ष देश भर में 30,000 इलेक्ट्रिक चाक वितरित करने की योजना बनाई है। इनसे प्रति दिन 2 करोड़ कुल्हड़ तैयार किए जाएंगे।