जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को निजी स्कूल फीस विवाद मामले अपना फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि निजी स्कूलें 28 अक्टूबर की राज्य सरकार की सिफारिशों के अनुसार फीस ले सकेंगे। जितना प्रतिशत सिलेबस होगा, ट्यूशन फीस का भी उतना ही प्रतिशत वसूल कर सकेंगे। कोरोना की वजह से सिलेबस कम किया गया है। हाईकोर्ट के सीजे इंद्रजीत माहन्ती की खंडपीठ ने यह अहम फैसला सुनाया है।
ट्यूशन फीस का 60 प्रतिशत हिस्सा फीस ले
आपको बता दें कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों हाईकोर्ट के निर्देश पर एक कमेटी का गठन किया था। उस कमेटी ने 28 अक्टूबर को अपनी सिफारिशें सौंपी थी। कमेटी की सिफारिशों में कहा गया था कि जो भी स्कूल्स ऑनलाइन पढ़ाई करवा रही हैं वे ट्यूशन फीस का 60 प्रतिशत हिस्सा बतौर फीस ले सकते हैं। इसके अलावा स्कूलें खुलने के बाद जितना कोर्स संबंधित बोर्ड की ओर से तय किया जाएगा उसी के अनुसार स्कूल फीस ले सकेंगे। लेकिन, राज्य सरकार की इन सिफारिशों को निजी स्कूलों और अभिभावकों ने मनाने से इनकार कर दिया था।
राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभिभावक संघ की ओर से कहा गया कि कोरोना संकट को देखते हुए राज्य सरकार को फीस वहन करनी चाहिए, जबकि एक अभिभावक ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद भी स्कूल संचालकों को ट्यूशन फीस का 30 फ़ीसदी ही वसूल किया जाना चाहिए।