हिंदुस्तान का सरदार दुनिया का सबसे ऊंचा सरदार है: मोदी

    0
    574
    statue of unity
    लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू आॅफ यूनिटी का लोकार्पण किया

    देश के पहले उप—प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के साथ स्वतंत्रता सेनानी रहे सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 142वीं जयंती है। केंद्र सरकार ने सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसके लिए देशभर में रन फॉर यूनिटी दौड़ का आयोजन हो रहा है। statue of unity

    ‘उनके जन्मदिवस के खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देने के उनकी ‘स्टैच्यू आॅफ यूनिटी’ का भी लोकार्पण किया। यह सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा है जो जिसे दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होने का गौरव हासिल हुआ है। यह प्रतिमा अमेरिका के स्टैच्यू आॅफ लिबर्टी से दोगुनी ऊंची है। statue of unity

    सरदार पटेल की यह विशाल गगनचंबी प्रतिमा गुजरात के केवड़िया गांव में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध पर स्थापित है। चीन के स्प्रिंग टेंपल बुद्धा से भी यह काफी अधिक लंबी है। पर्यटक 153 मीटर की उंचाई से प्राकृतिक सौदर्य का आनंद ले सकेंगे।

    Read More: ओछी हरकतों पर उतरी कांग्रेस, अब सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना ने दिया विवादित बयान

    राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विराट प्रतिमा ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण के लिए सबसे पहले देश के ग्रामीण क्षेत्रों से एक अभूतपूर्व पहल के जरिए 1.7 लाख लौह किट एकत्रित किए गए। प्रतिमा निर्माण के लिए 250 इंजीनियरों और 3400 श्रमिकों ने 42 महीनों तक अथक परिश्रम किया। प्रतिमा में 153 मीटर ऊंचाई पर एक गलियारे का निर्माण किया गया है जहां से एक बार में 200 पर्यटक सरदार सरोवर बांध का मनोरम नजारे का लुफ्त उठा सकेंगे। वहां तक जाने के लिए एक लिफ्ट लगी हुई है। statue of unity

    इसके अलावा, यहां फूलों की घाटी के साथ सरकार पटेल के जीवन पर संग्राहलय, भारत भवन प्रदर्शनी सभागृह, 3डी चित्रों का मानचित्रण, 250 शिविरों वाला टेंट सिटी, जनजातीय संग्रहालय, हस्तीशिल्प बाजार और राज्यों के अतिथि गृह को भी विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के जरिए प्रतिवर्ष 15 हजार से अधिक स्थानीय आदिवासियों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। statue of unity

    बात करें सरदार पटेल के बारे में तो राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल को आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को लौह पुरूष और भारत का बिस्मार्क के रूप में जाना जाता है। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। गांधी जी की इच्छा का आदर करते हुए पटेल ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अपने को दूर रखा और इसके लिए नेहरू का समर्थन किया। statue of unity

    लंदन टाइम्स ने उनके बारे में लिखा है, ‘बिस्मार्क की सफलताएं पटेल के सामने महत्वहीन रह जाती हैं। यदि पटेल के कहने पर चलते तो कश्मीर, चीन, तिब्बत व नेपाल के हालात आज जैसे न होते। पटेल सही मायनों में मनु के शासन की कल्पना थे। उनमें कौटिल्य की कूटनीतिज्ञता तथा महाराज शिवाजी की दूरदर्शिता थी। वे केवल सरदार ही नहीं बल्कि भारतीयों के हृदय के सरदार थे।’ statue of unity

    RESPONSES

    Please enter your comment!
    Please enter your name here