राजस्थान विधानसभा की 199 सीटों पर 7 दिसम्बर को चुनावों के परिणाम घोषित हो चुके है। चुनाव से पहले बहुमत से सरकार बनाने का दावा ठोकने वाली कांग्रेस राजस्थान में सरकार बनाने से एक सीट दूर रह गई है। बहुमत के लिए पार्टी को 101 सीटों की दरकार थी लेकिन कांग्रेस को 100 सीटे ही मिल पाई है। हालांकि जैसी उम्मीद है, कांग्रेस का राजस्थान में सरकार बनना तय है। ऐसे में अशोक गहलोत को गठबंधन की सरकार बनानी पड़ेगी। बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान सहित मध्यप्रदेश में कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। Tradition of Rajasthan
शेष सीटों पर गौर करें तो भाजपा को 73 और शेष 26 सीटों पर निर्दलीय, बसपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को जीत मिली है। राजस्थान में बहुमत के लिए 101 सीटों की दरकार थी। बात करें भाजपा की तो प्रदेश में विकास की धारा बहने के बावजूद बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी पार्टी वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में विपक्ष में भी मजबूती के साथ जनता का पक्ष रखेगी। Tradition of Rajasthan
चुनावों से पहले माना जा रहा था कि राजस्थान विधानसभा चुनावों में तीसरा मोर्चा एक अहम भूमिका अदा करेंगा, लेकिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। यह जरुर है कि अब से पहले तक 26 सीटें निर्दलीय या तीसरे मोर्चे को प्राप्त नहीं हुई लेकिन फिर भी तीसरे मोर्चे का प्रदर्शन सराहनीय है। Tradition of Rajasthan
माकपा ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिनमें से 8 सीटों पर पार्टी ने अपनी जीत तय की है। बसपा ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया है। सांगानेर से 3 बार के विधायक घनश्याम तिवाड़ी की भारत वाहिनी पार्टी ने जरुर निराश किया। बीवीपी का खाता भी नहीं खुल पाया है। Tradition of Rajasthan
हार के बाद भाजपा ने कहा है कि जनता जनार्दन का फैसला स्वीकार है। हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी। बीजेपी के अधिकारियों ने बताया कि विपक्ष में बैठकर मजबूती से जनता का पक्ष रखेंगे और जनहित का पूरा ध्यान रखा जाएगा।