जयपुर। प्रदेशभर में सुरक्षा और फीस वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को रेजीडेंट चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया। सुबह नो बजे बाद रेजिडेंट चिकित्सक वार्डस, आपातकालीन व आईसीयू को छोड़कर बाहर आ गए। कई जगह तो इमरजेंसी वार्डों में भी सेवाएं नहीं दी। कार्य बहिष्कार के पहले ही दिन पीबीएम अस्पताल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ता दिखाई दिया। ओपीडी सहित वार्डों में पहुंचे मरीज व उनके परिजन परेशान हुए। हालांकि कॉलेज एवं अस्पताल प्रशासन ने रेजीडेंट चिकित्सकों के पूर्व आंदोलन संबंधी अल्टीमेटम के कारण व्यवस्थाएं की गई लेकिन फिर भी मरीज परेशान हुए।
310 से अधिक ऑपरेशन टले और 15000 से ज्यादा मरीज हुए परेशान
सरकार और रेजीडेंट के बीच हुई दो बार की वार्ता विफल रही। अब रेजीडेंटस ने लिखित में मांग पूरी करने की जिद पकड़ ली है। रेजीडेंट डाॅक्टराें के संगठन जार्ड ने मांगें नहीं माने जाने तक हड़ताल की चेतावनी दी है। प्रदेशभर में पहले से प्रस्तावित 310 से अधिक ऑपरेशन टल गए और 15000 से ज्यादा मरीज परेशान होते रहे।एसएमएस सहित सभी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में मरीजों को बाद में आने के लिए कहा जा रहा है। जिन डॉक्टर्स के ऑपरेशन डे मंगलवार को थे, उनके ऑपरेशन नहीं हो सके। अब उन्हें अगले सप्ताह या अन्य दिनों के इंतजार के लिए कहा गया है।
ये हैं मांगें
चिकित्सा शिक्षा में फीस वृद्धि के आदेश को विलोपित किया जाए।
सभी नान सर्विस रेजिडेंट्स चिकित्सकों को शहरी क्षेत्र की दर से आवास भत्ता दिया जाए।
इन सर्विस रेजिडेंट चिकित्सकों को सीनियर रेजिडेंसी के लिए एनओसी एक वर्ष के लिए दी जाए, जो प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में मान्य हो।
प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में २४ घंटे केन्द्रीयकृत सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम हों। साथ ही पीने का पानी, मैस, कैंटीन जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों।