राजस्थान की चार जिलों में आई जल त्रासदी के बाद इन ज़िलों के हालात भयावह होते जा रहे है । अतिवृष्टि से राजस्थान के रेगिस्तान में अथाह जल भराव हो गया है जिससे लाखों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रह है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का बीते शनिवार और सोमवार को दौरा कर लोगों को इस विल्वव से राहत देने की हर संभव कोशिश की है वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजस्थान के लोगों का दुख-दर्द समझते हुए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार से 1567 करोड़ के बजट की मांग
राजस्थान के बाड़मेर, जालोर, सिरोही और पाली में आई बाढ़ के बाद आपदा प्रबंधन ने बेघर हुए लोगों, किसानों की खराब हुई फसलों, पेयजल, भोजन, कनेक्टिविटी जैसी आधारभूत सुविधाओं को सुचारू करने में जुटा है। आपदा प्रबंधन ने इन जिलों में हई अव्यवस्था को देखते हुए फिर से लोगों का जीवन पटरी पर लाने के लिए करीब 1567 करोड़ रुपए के बजट की मांग की है। आपदा प्रबंधन के अधिकारियों का कहना है कि स्थानीय लोगों को इस त्रासदी से बचाने के लिए, उन्हे पूनर्स्थापित करने के लिए, बाढ़ के कारण बहे बर्तनों, कपड़ों आदि के 3800 रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता दी जा रही है।
जिला कलेक्टरों को मिलेगा अतिरिक्त बजट
राजस्थान में आई बाढ़ के बाद राज्य आपदा प्रबंधन ने केंद्र सरकार को बाढ़ राहत के लिए आर्थिक सहायता का प्रपोजल भेजा है। राज्य सरकार की एर से भी बाढ़ ग्रस्त जिलों में सहायता के लिए चार जिला कलेक्टरों को अतिरिक्त बजट दिया जा रहा है। केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट के राजस्थान सरकार राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण प्राधिकरण के नियमवली के तहत बंटवारा करेगी। वहीं राज्य सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यथा शीघ्र राहत पहुंचाने के लिए जिला कलेक्टरों से भी सूझाव ले रही है।
बाढ़ में मृतको को मिला 1 करोड़ 24 लाख का मुआवजा
राजस्थान आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में मृतकों को एक करोड़ चौबिस लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इसके लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से 1-1 लाख एवं प्रधानमंत्री सहायता कोष से 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। राजस्थान की मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि प्रदेस के बाढ़ प्रभावितों का दर्द उनका दर्द है और उन्हे सरकार की ओर से हर संभव सहायाता जी जाएगी।