राजस्थान के अन्नदाता देश के सबसे खुशहाल किसान है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान सरकार के प्रयासों से देशभर में प्रदेश के किसान अग्रणी बने है। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों को जमीनी स्तर पर सुविधाएं प्रदान की है जिससे किसानों की फसल उपज बंपर हुई है। किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण देने में राजस्थान सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं जिससे किसान भाईयों पर आर्थिक भार कम हुआ है। राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 23 लाख 31 हजार किसानों को रिकॉर्ड 13540 करोड़ रुपए का बिना ब्याज के लोन दिया है। ऐसा करने वाला राजस्थान देश का पहला और देश में सबसे आगे रहा है। किसानो को बिना जमीन या संपत्ति गिरवी रखने के बाद यह ऋण दिया गया है।
प्लेज लोन लेकर गोदाम में रख सकते है अपनी फसल किसान
राजस्थान सरकार किसान भाईयों की आमदनी बढ़ाने और उन्हे फसली नुकसान से बचाने के लिए कई नवाचारों का प्रयोग कर रही है। मुख्यमंत्री राजे ने किसानों को विभिन्न योजनाओं से प्रोत्साहन दिया है जिससे किसानों का आर्थिक विकास हुआ है। राजे सरकार प्रदेश के किसानों को गोदाम में फसल रखने पर भी लोन देने की व्यवस्था कर रही है। मुख्यमंत्री राजे का कहना है कि अगर किसानो को फसल का उचित मुल्य नही मिले तो किसान भाई प्लेज लोन लेकर अपनी फसल को गोदाम में रख सकते है।
राज्य | ऋण(राशि करोड़ रुपए में) |
राजस्थान | 13540 |
गुजरात | 12102 |
मध्यप्रदेश | 11864 |
पंजाब | 11041 |
कर्नाटक | 10439 |
हरियाणा | 9390 |
उत्तरप्रदेश | 6240 |
पिछले साल भी दूसरे स्थान पर रहा राजस्थान
देश में किसानों की बहुलता वाले मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, उडी़सा, कर्नाटक जैसे राज्य भी आज ब्याज मुक्त ऋण वितरण में राजस्थान के बाद आते हैं। यहाँ कमाल यह है कि राजस्थान सरकार ने अपनी कार्यनीति में सुधार कर लगातार दूसरे वर्ष किसानों को ऋण वितरण करने में दूसरा स्थान हासिल किया है। वित्तीय वर्ष 2015-16 में भी राजस्थान देश में ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के मामले में दूसरे स्थान पर ही था। इस तरह किसानों की तरक्की के लिए निर्धारित कार्यप्रणाली को सरकार ने बनाये रखा है।
राजे सरकार ने तय किए इस साल के लक्ष्य
राजस्थान सरकार ने अपने किसानों को और अधिक वित्तीय फायदा पहुंचाने के लिए वर्ष 2017-18 में 25 लाख से अधिक किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरण के लिए 15000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड लक्ष्य तय किया है। राज्य के इतिहास में इतनी बड़ी रकम किसानों के लिए पहली बार निर्धारित की गई है। इसमें से खरीफ की फसल के लिए 9 हजार करोड़ रुपये तथा रबी की फसल के लिए 6 हजार करोड़ रुपये का ऋण बिना ब्याज के किसानों को दिया जायेगा।