राजस्थान के 13500 स्कूलों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, युवा पीढ़ी लोकतंत्र की बुनियाद

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    राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि युवा वर्ग शक्ति और साहस का पुंज है। वे ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन के सबसे बड़े वाहक हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अध्ययन के प्रति आग्रहशील हों और भारतीय संस्कृति व देश को अधिक से अधिक जानने के प्रति उत्सुक रहें।

    वीर और वीरांगनाओं के नए पाठ किए सम्मिलित

    शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि पहले देश है और इसके बाद व्यक्ति है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विद्यालयों में देश के गौरवमयी इतिहास के साथ ही 200 वीर और वीरांगनाओं के नए पाठ पाठ्यक्रम में सम्मिलित किए गए हैं ताकि युवाओं को ऐसी शिक्षा मिले जिससे वे देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखें।

    13500 विद्यालयों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत

    उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक भारत के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य के 13500 विद्यालयों में संस्कृत पढ़ाने की पहल की गई है। उद्देश्य यही है कि युवाओं को तर्क और विश्लेषण के साथ अपनी बात रखने की शिक्षा मिले, वे जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।

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    देश के युवाओं का जागना जरूरी

    मंत्री देवनानी ने कहा कि युवा जगेगा तो देश जगेगा इसलिए यह जरूरी है कि युवा देश और हमारे महापुरूषों के बारे में अधिक से अधिक जानें। सांस्कृतिक भारत के लिए मिलकर कार्य करे, इसी से देश आगे बढ़ेगा। इससे पहले देवनानी ने युवा संसद में भाग लेने वाले प्रतिभाशाली युवाओं को सम्मानित भी किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का पोस्टर भी जारी किया।

    युवा पीढ़ी लोकतंत्र की बुनियाद

    मंत्री देवनानी सोमवार को जयपुर में चैम्बर ऑफ कॉमर्स में आयोजित युवा संसद कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। यूथ फॉर नेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत एक दिवसीय युवा संसद आयोजित की गई थी। इसमें युवा पीढ़ी में लोकतंत्र की बुनियाद विकसित करने से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताओं में महाविद्यालयों के युवाओं ने भाग लिया और पक्ष-विपक्ष के अंतर्गत लोकतंत्र की गरिमा पर विमर्श किया।

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