राजस्थान में अक्सर कांग्रेस सरकार की आलोचना और बुराईयां ही करती है। देखा जाता है कि प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट हमेशा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित भाजपा सरकार की कमियों और आरोप लगाने का ही काम करते है लेकिन पहली बार है जब कांग्रेस की नजर राजस्थान सरकार के विकास कार्यों पर पड़ी। हमेशा आरोप लगाने वाली कांग्रेस ने आखिरकार अपनी आंखे खोल भाजपा का सुशासन देखा। पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने अपने ट्वीटर अकाउंट से बांसवाड़ा के एक सरकारी विद्यालय के बच्चों की मुस्कुराती हुई तस्वीर को सांझा किया। इस ट्वीटर पोस्ट के केप्शन में पायलट ने लिखा कि ” राजस्थान के सरकारी स्कूल के खुश बच्चों से मिला ” यानी पायलट ने कहीं न कहीं यह स्वीकार कर लिया की राजस्थान में सरकारी विद्यालयों को बच्चे खुश रहते है।
Met some happy school kids at a govt school in banswara 😊 pic.twitter.com/cwBiq4Pm8X
— Sachin Pilot (@SachinPilot) July 13, 2017
देर से ही सही कांग्रेस की आंखें तो खुली
कांग्रेस ने कभी राजस्थान सरकार की अच्छाईयों देखने की कोशिश ही नही की वरना प्रदेश के कौने-कौने में खुशिया भरी पड़ी है। राजस्थान के सरकारी विद्यालय अब पहले जैसे नही रहे। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकारी विद्यालयों को उतकृष्ठ विद्यालय और आदर्श विद्यालयों में तब्दील कर बच्चों को मुस्कुराने का मौका दिया है। खैर जरा देर से ही सही आखिर कांग्रेस की आंखे तो खुली। कांग्रेस को राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की मुस्कुराहट तो दिखाई दी। कांग्रेस ने इससे पहले कभी राजस्थान सरकार की अच्छाईयों को नही देखा। राजस्थान में सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को एक नए स्तर पहुंचाया है जहां बच्चों को बेहतर पोषण के साथ बेहतर शिक्षा भी मिल रही है तथा सरकारी विद्यालयों को बच्चों ने निजी विद्यालयों के बच्चों को मात दी है।
देर आए दुरुस्त आए कांग्रेसी
कहा जाता है ना कि देर आए दुरुस्त आए। कांग्रेसियों ने राजस्थान के विकास को देखा लेकिन इस विकास को देखने में थोड़ी सी देर जरूर कर दी है हालांकि सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नही कहते। कांग्रेसियों ने राजे सरकार की योजनाओं को काम को देखना तो शुरू किया। नही तो एक दौर था जब मुख्यमंत्री राजे की सरकार की बुराईयों के अलावा कांग्रेसी कुछ किया नही करते थे। मुख्यमंत्री राजे ने राजस्थान को सभी क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है जिसका किसी से जवाब लेने कि आवश्यकता नही है क्यों कि जहां विपक्ष सरकार के काम से खुश हो जाएं वहां किसी को कोई प्रमाण देने की जरूरत नही होती।