जयपुर। जब दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप का सामना कर रही है। इस दौरान राजस्थान में शराब के प्रति लोगों का मोह देख सभी दंग हैं। प्रदेश में शराब के रेट को बढ़ा दिए गए हैं। इसके बावजूद भी यहां पर शराब की दुकानों के बाहर लगी शौकीनों की लाइनें कम नहीं हो रही हैं। इस बीच हाई कोर्ट में शराब की दुकानों को बंद करने की मांग करने वाली याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता निखलेश कटारा ने अदालत में जनहित याचिका दायर करके शराब की बिक्री बंद करने या फिर इसके वैकल्पिक रास्ते अपनाने की मांग की है। याचिका पर शुक्रवार को संभवत अदालत सुनवाई कर सकती है।
गाइडलाइन की उड़ रही धज्जियां
याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार के निर्णय से पहले दिन ही शराब के ठेकों के बाहर भीड़ जमा हो गई। इसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन है कि कोरोना से बचाव के लिए दो व्यक्तियों में कम से कम 3 फ़ीट की दूरी होनी चाहिए। लेकिन पूरे प्रदेश में इसकी पालना कहीं नहीं हुई। इस तरह की स्थिति इस महामारी को फैलाने में सहायक हो सकती है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन यह भी साफ कर चुका है कि शराब के सेवन से कोरोना पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है। उलटा व्यक्ति की सेहत ही खराब होती है।
बिक्री बंद कर की जा सकती है होम डिलीवरी
याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस स्थिति को देखते हुए शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद की जानी चाहिए। वहीं अगर सरकार ऐसा नहीं करना चाहे तो इसके स्थान पर कोई अन्य वैकल्पिक रास्ता अपनाना चाहिए। याचिका में शराब की ऑनलाइन बिक्री का रास्ता भी सुझाया गया है। जिससे इसकी होम डिलीवरी हो सके।