राजस्थान में होने वाले चुनावी महायुद्ध में अब ज्यादा समय नहीं रह गया है। ऐसे में अब प्रदेश की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां आगामी चुनाव में जीत के लिए रणनीति पर काम कर रही है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसी वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन चुनावों के नतीजे काफी अहम साबित होंगे। क्योंकि इन चुनावों के बाद सीधे 2019 के लोकसभा चुनाव हैं। फिलहाल इन तीनों राज्यों में बीजेपी सरकार है। Sachin Pilot
2013 के चुनाव में बीजेपी ने 200 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में 163 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था और कांग्रेस सिर्फ 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। इस हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने युवा नेता सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उनपर भरोसा दिखाया। हाल ही में सचिन पायलट ने एक चैनल को बताया कि कांग्रेस कैसे राजस्थान में बहुमत जुटाएगी। आइये जानते हैं.. Sachin Pilot
राजस्थान में कांग्रेस को किसी गठबंधन की ज़रूरत नहीं
राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन के सवाल पर सचिन पायलट ने साफ़ कर दिया कि फिलहाल ऐसी किसी तरह की चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कांग्रेस काफी मजबूत है, हम 200 सीटों पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं और ऐसे में फिलहाल किसी गठबंधन की कोई ज़रूरत दिखाई नहीं देती।
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हालांकि उन्होंने माना कि मध्य प्रदेश में गठबंधन को लेकर चर्चा हुई है, लेकिन अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है। सपा प्रमुख अखिलेश, बसपा चीफ मायावती, जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल के राजस्थान में कांग्रेस के लिए प्रचार करने के सवाल पर सचिन ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है, लेकिन कोई भी बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में साथ आना चाहता है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
2013 में मात्र 21 सीटों पर सिमटने वाली कांग्रेस की कौन लगाएगा पार Sachin Pilot
2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 21 सीटों पर सिमटकर रह गई थीं। इस बार के विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए तीन गुना से ज्यादा सीटें और जीतनी होंगी। सवाल ये है कि देशभर में अपने अस्तित्व बचाने के लिए जुझ रही कांग्रेस राजस्थान में सत्ता वापसी कर पाएगी। कांग्रेस ये कैसे कर पाएगी इस सवाल के जवाब में सचिन ने कहा कि अब राज्य ही नहीं देश की जनता भी समझ गई है और 2014 जैसा माहौल नहीं रह गया है।
जनता ने राजस्थान में बीजेपी को एक बड़े मैंडेट के साथ भेजा था, लेकिन बीते चार सालों में ये सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। किसान कर्जमाफी हो या रोज़गार देना, सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया जिससे जनता में काफी नाराज़गी है। सचिन ने आगे कहा कि साल 2014 के बाद से देश में 22 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, जिनमें से 20 पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर-फूलपुर और कैराना की हार ने भी स्थिति और स्पष्ट कर दी है।
क्या राजस्थान की जनता के पास कांग्रेस के अलावा ऑप्शन नहीं?
राजस्थान में पिछले लंबे समय से एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी की सरकार सत्ता में आ रही है। क्या जनता के पास कोई ऑप्शन नहीं है? इस सवाल के जवाब में सचिन ने कहा कि इस बार वो चुनाव जीतेंगे और 2023 में फिर से जीत दर्ज कर इस परंपरा को तोड़ देंगे।
उन्होंने साफ़ कहा कि पिछली सरकारों ने क्या किया इस पर बात करने की जगह आगे क्या करना है इस बारे में सोचा जाना चाहिए। किसान आंदोलन को कांग्रेस के सपोर्ट पर सचिन कहते हैं कि किसानों को और उनके इस आंदोलन को कांग्रेस का पूरा सपोर्ट है। कांग्रेस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती इसलिए किसान संगठनों ने ही इसकी ज़िम्मेदारी ली हुई है।