26 जून को अमेरिका में होगी मोदी-ट्रम्प की पहली मुलाक़ात: कई मसलों पर होगी बात

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भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के न्यौते पर 25 जून को अमेरिका दौरे पर जा रहे है। इसके अगले दिन 26 जून को प्रधानमंत्री मोदी और प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की आपसी मुलाकात होगी। इन दोनों के बीच यह पहली मुलाकात होगी। हालांकि अभी तक दोनों नेता तीन बार फोन पर बातचीत कर चुके हैं। मोदी और ट्रम्प की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक मज़बूत करेंगे तथा साथ ही रणनीतिक कार्ययोजनाओं को भी नई दिशा मिलेगी। पिछले तीन साल में भारतीय प्रधानमन्त्री मोदी का यह चौथा अमेरिकी दौरा होगा। इससे पहले आख़िरी बार जून-2016 में मोदी अमेरिका दौरे पर गए थे।

इन तीन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के आसार:

भारतीय विदेश मंत्रालय और विशेषज्ञों के साथ ही व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी शॉन स्पाइसर ने बताया कि मोदी और ट्रम्प इस आपसी मुलाक़ात में आगामी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की ओर बढ़ने पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा भारत-यूएस के साझा मसलों पर मुख्य रूप से बातचीत होगी।

दोनों राष्ट्रों के लिए सामान महत्त्व के इन तीन मसलों पर बातचीत होना निश्चित ही है।

1 आतंकवाद के खिलाफ जंग।

2 अर्थव्यवस्था में विकास और सुधार को बढ़ावा देना।

3 इंडो-पैसिफिक रीजन में सुरक्षा साझेदारी को मजबूत करना।

वर्तमान स्थितियों को देखते हुए यह तीनों ही विषय भारतीय और अमेरिका की बातचीत के मुख्य केंद्र है। दोनों ही राष्ट्र आतंकवाद के प्रबल विरोधी है और आतंकवाद के पूर्ण खात्मे के लिए काम कर रहे है। वर्तमान में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था में से एक भारत, और दुनिया की सबसे मज़बूत अर्थव्यवस्था अमेरिका, दोनों मिलकर एक-दूसरे का सहयोग कर सकते है। वहीँ दोनों देशों के समुद्री सीमा को प्रभावित करने वाले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी को भी बढ़ाना दोनों के लिए फायदे का सौदा होगा।

इसलिए भी ख़ास है यह मुलाकात:

उक्त तीन मसलों के अलावा भी ऐसे कई विषय है जो दोनों देशों की बातचीत में शामिल हो सकते है। हाल ही में पेरिस क्लाइमेट डील से अमेरिका का हट जाना और इस डील में भारत के ऊपर प्रदुषण फैलाने का आरोप लगाने के मुद्दे पर भी बात हो सकती है। ट्रम्प ने कहा था कि इस डील से 2025 तक अमेरिका से 27 लाख नौकरियां ख़त्म हो सकती है। नौकरियां बचाने के लिए हमें इस समझौते से हटना होगा। साथ ही ट्रम्प ने यह भी कहा था कि पेरिस डील में भारत और चीन जैसे पॉल्यूटेड देशों के लिए कोई खास सख्ती नहीं की गई है।

ट्रम्प-मोदी की मीटिंग में एच-1बी वीसा, डिफेंस को-ऑपरेशन, साउथ एशिया, न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप्स (एनएसजी‌‌) में भारत की मेंबरशिप जैसे कई दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। फॉसिल फ्यूल पर भी दोनों देश बातचीत कर सकते हैं।

बराक ओबामा भी हो चुके है, प्रधानमंत्री मोदी के मुरीद:

इस दौरे से पूर्व ये चर्चाये हो रही है कि इस मुलाक़ात से जोशीले स्वभाव के इन दोनों नेताओं के बीच अच्छे व्यवहार बनेंगे। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी भारतीय प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी से बहुत प्रभावित है। मोदी और बराक ओबामा के बीच आठ मुलाकातें हुई थीं।

अभी तक ट्रम्प और मोदी के बीच तीन बार फ़ोन पर बात हो चुकी है। पहली बार 9 नवंबर 2016 को ट्रम्प के प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद मोदी ने फोन करके उन्हें बधाई दी थी। इसके बाद ट्रम्प ने शपथ लेने के चार दिन बाद 24 जनवरी को मोदी को फोन करके अमेरिका आने का न्योता भी दिया था। आखिर बार अभी मार्च में ट्रम्प ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद मोदी से फोन पर बात करके उन्हें बधाई दी थी।

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