राजस्थान : गुटखा और ई-सिगरेट के बाद अब पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी पर बैन, निर्माता और विक्रेता को छह माह की सजा

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    जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर प्रदेश में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू या मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी पर प्रतिबंध (बैन) लगा दिया है। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के अनुसार ऐसे पान मसाले या सुपारी के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस घोषणा के बाद प्रदेश के पान मसाला कारोबारियों और इनका सेवन करने वालों में हड़कंप मच गया। प्रदेश में व्यापारी पूछताछ करने में लगे रहे कि उनके पास रखे पान मसाले के स्टॉक का अब क्या होगा। हालांकि बाद में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उन्हींं पान मसालों को हटाना होगा, जिनमें प्रतिबंधित किए गए तत्व तंबाकू, निकोटीन, मैग्नेशियम, कार्बोनेट, निकोटीन, और मिनरल ऑइल पाए जाएंगे। विभाग की ओर से इनके नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच करवाई जाएगी। प्रदेश में इस समय करीब 400 करोड़ के पान मसाले बाजार में मौजूद है।

    पान मसाला निर्माता और विक्रेता को छह माह की सजा
    जांच में नमूना फेल होने पर भी संबंधित पान मसाले का बैच बिकता हुआ पाया जाता है, तो उसके निर्माता और विक्रेता दोनों पर कार्यवाही होगी। खाद्य सुरक्षा लाइसेंस निलंबन जैसी कार्यवाही भी हो सकती है। पूरी कंपनी को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है, पहले से मौजूद प्रावधानों में भी 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।

    हर साल कैंसर के कारण हजारों लोगों की जाती है जान
    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए यह महत्त्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राजस्थान में हर साल हजारों लोग तंबाकू के सेवन से कैंसर की गिरफ्त में आकर जान भी गंवा देते है। मैग्निशियम कार्बोनेट निकोटिन तंबाकू, मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन, स्टोरेज और वितरण पर रोक लगाई गई है।

    राजस्थान बना तीसरा राज्य
    महाराष्ट्र और बिहार के बाद राजस्थान देश का तीसरा राज्य बन गया है जहां इन उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है। इससे पहले राजस्थान में तंबाकू मिश्रित गुटखा और ई-सिगरेट को प्रतिबंधित किया जा चुका है।

    91 पान मसाले सही पाए गए थे
    हानिकारक तत्वों के बिना पहले भी निर्माता पान मसाला बना रहे हैं। इसकी पुष्टि खुद स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट कर रही है। विभाग ने 310 नमूनों की जांच अब तक करवाई है। जिनमें से 91 सही पाए गए हैं। साफ है कि हानिकारक तत्वों के बिना भी पान मसालों का निर्माण किया जा सकता है।

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