जयपुर। राजस्थान के बाड़मेर जिले में चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। यहां गंभीर हालत में जोधपुर रेफर की गई मरीज को ले जाते समय एम्बुलेंस में बीच रास्ते में ही ऑक्सीजन खत्म हो गई, जिससे पीड़ित युवती की मौत हो गई। इसकी भनक लगते ही नर्सिंग स्टाफ एम्बुलेंस खड़ी करके फरार हो गए। इस मामले को लेकर अब बवाल मचा हुआ है। मेडिकल विभाग इस गंभीर मामले की जांच कराने के बजाय लीपापोती का प्रयास कर रहा है।
एम्बुलेंस छोड़ चालक व नर्सिंगकर्मी मौके से फरार
चौहटन तहसील के जैसार निवासी सोनाराम जाट की सत्रह वर्षीय बेटी चुकी कुमारी की अचानक ही तबीयत बिगड़ गई। जिसको उपचार के लिए उसके परिजन चौहटन अस्पताल लेकर गए। जहां से बाड़मेर रैफर कर दिया। राजकीय चिकित्सालय बाड़मेर में नाजुक हालत देखकर डॉक्टरों ने सरकारी एम्बुलेंस से जोधपुर भेज दिया। बाड़मेर के पास उत्तरलाई से निकलने के बाद किशोरी को सांस लेने में ज्यादा परेशाानी पर परिजन सकते में आ गए तथा साथ बैठे नर्सिंग कर्मियों से उसका उपचार शुरू करने की गुहार लगाते रहे। लेकिन नर्सिंग कर्मियों ने कवास से निकलने के बाद स्वीकार किया कि इस सरकारी एम्बुलेंस की ऑक्सीजन खत्म हो चुकी है ओर तेज गति से वाहन को दौड़ा कर बायतु सीएचसी ले जाकर ऑक्सीजन लगवा देंगे। बायतु से करीब पांच किमी पहले ही ऑक्सीजन के अभाव में किशोरी का दम टूट गया। उसके बाद एम्बुलेंस को बायतु अस्पताल लाकर खड़ा किया। आरोप है कि बायतु अस्पताल परिसर में सरकारी एम्बुलेंस को खड़ा करने के बाद चालक वालाराम समेत दो अन्य नर्सिंग कर्मी मौके से फरार हो गए। इस बीच किशोरी का शव करीब चार घंटे तक एम्बुलेंस में ही पड़ा रहा।