राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों पर होने जा रहे चुनाव में अब करीब 2 सप्ताह का और समय शेष रह गया है। प्रदेश में जहां बीजेपी 5 साल के विकास के दम पर एक बार फिर सत्ता में आने की बात कह रही है, वहीं कांग्रेस के अपने दावे हैं। ये बात अलग है कि कांग्रेस नेताओं में सीएम चेहरे के लिए आपसी फूट जनता के बीच पहले ही जगजाहिर हो चुकी है। इस कांग्रेस के लिए चुनाव में नुकसान का बड़ा कारण बनेगी। Rajasthan Vasundhara Raje
चुनाव से पहले सत्ता हासिल करने के लिए दोनों ही पार्टियां लगातार नई-नई रणनीति अपना रही हैं। इसी क्रम में कांग्रेस ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने अटल सरकार में मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता रहे जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह को उताकर बड़ा दांव खेला है। वसुंधरा राजे और मानवेन्द्र के आमने-सामने होने से झालरापाटन की इस सीट पर चुनाव अब और दिलचस्प हो गया है। सबकी निगाहें इस सीट पर टिकी गई हैं। Rajasthan Vasundhara Raje
पांच बार सांसद और चार विधायक रह चुकी है वसुंधरा राजे
वसुंधरा राजे: 68 वर्षीय वसुंधरा राजे राजस्थान की सबसे लोकप्रिय नेता है। उन्हें यहां की जनता का आर्शीवाद प्राप्त है। राजे ने इकॉनोमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में बीए आॅनर्स की डिग्री ली है। राजनीति उनका पेशा है और वे अब तक पांच बार सांसद और चार बार विधायक रह चुकी है। वसुंधरा राजे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी रह चुकी है। राजे को राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। वे दो बार प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी है। Rajasthan Vasundhara Raje
2003 और 2013 के विधानसभा चुनाव में राजे प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी को जीत दिला चुकी है। गत विधानसभा चुनाव में राजे के नेतृत्व में बीजेपी ने राजस्थान में ऐतिहासिक 163 सीटों पर जीत दर्ज की। वसुंधरा राजे झालरापाटन से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुकी है। Rajasthan Vasundhara Raje
वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे जसवंत सिंह के बेटे हैं मानवेन्द्र सिंह
मानवेन्द्र सिंह: बीजेपी से नाराज होकर शामिल में शामिल हुए मानवेन्द्र सिंह की उम्र 54 साल है। वे वर्तमान में बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से विधायक है। इससे पहले वे एक बार सांसद भी रह चुके हैं। कांग्रेस ने उन्हें वसुंधरा राजे के सामने इस बार झालरापाटन से अपना प्रत्याशी बनाया है। मानवेन्द्र सिंह इंडियन टैरीटोरियल आर्मी में सेवा दे चुके हैं।
वे पत्रकार भी रह चुके हैं और एक पत्रिका के एडिटर है। मानवेन्द्र ने पत्रकारिता का पेशा छोड़ बीजेपी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा। 1999 में उन्होंने जैसलमेर बाड़मेर सीट से सांसद का चुनाव लड़ा और हार गए। 2004 में वे इसी सीट से दोबारा चुनाव लड़े और जीत हासिल की। मानवेन्द्र में लोग जसवंत सिंह की छवि देखते हैं। लेकिन यह चुनाव उनके लिए अग्नि परीक्षा वाला होगा। Rajasthan Vasundhara Raje