हत्या के दिन मदेरणा ने कर लिया था अपना फोन बंद, सिविल लाइंस के बंगला नंबर 18 में रची भंवरी की हत्या की साजिश

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    देश का सबसे चर्चित और बड़े बड़े सियासी हलकों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाला भंवरी हत्याकांड अब एक नये मोड पर खड़ा है। शुक्रवार को इस हत्याकांड की कर्ता-धर्ता और मलखान विश्नोई की बहन इंदिरा विश्नोई को मध्यप्रदेश के देवास से गिरफ्तार कर लिया गया। इंदिरा विश्नोई के गिरफ्तार होने के बाद इस मामले में कई खुलासे होने की उम्मीद जगी है। इंदिरा ने पूछताछ में बताया है कि भंवरी देवी की हत्या की साजिश जयपुर के सिविल लाइन स्थित बंगला नंबर 18 में रची गई थी और इसे अंजाम जोधपुर में दिया गया। इंदिरा ने खुलासा किया कि भंवरी हत्याकांड की साजिश तीन दिन तक मंत्री महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह और सहीराम विश्नोई ने रची थी।



    इंदिरा को गिरफ्तार करने में करनी पड़ी सबसे ज्यादा मशक्कत

    इस पूरे हत्याकाण्ड में इन्द्रा विश्नोई की गिरफ्तारी के लिए सबसे ज्यादा मशक्कत हुई। महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह और उनके भाई परसराम विश्नोई को तो सीबीआई के पूछताछ के लिए बुलाया। इसके बाद गिरफ्तार कर लिया। इंदिरा ने सीबीआई को बताया की मदेरणा, मलखान और सहीराम ने भंवरी को मारने की साजिस रची थी, भंवरी की हत्या के बाद लाश जहां जलाई गई थी, वहा कि मिट्टी खोदकर नहर में डाल देने का भा इंदिरा ने खुलासा किया। इंदिरा से पूछताछ में जो भी नए सबूत मिलेंगे और जो नए नाम सामने आएंगे उन तक भी सीबीआई पहुंचेगी और पुछताछ करेगी। देखना यह है कि इंदिरा के गिरफ्तार होने से इस मामले में क्या-क्या नए मोड आते है ।

    195 गवाह और चौथी चार्जशीट होगी पेश, फैसला अभी दूर

    देश के चर्चित इस मर्डर केस में अब चौथी चार्जशीट होगी पेश की जाएगी। इस मामले में सीबीआई अब तक 3 चार्जशीट पेश कर चुकी है। पहली चार्जशीट दिसम्बर 2011 में दखिल की गई थी। दूसरी चार्जशीट फरवरी 2012 में और तीसरी चार्जशीट अप्रैल 2012 में पेश की गई। सीबीआई अब चौथी चार्जशीट पेश करने जा रही है। मामले में अब तक 195 गवाहों के बयान हो चुके हैं।
    मामले में दो दिन पहले गिरफ्तार की गई आरोपी इंद्रा विश्नोई चाहेगी तो गवाहों के फिर से क्रोस एग्जामिनेशन करवा सकती है।



    हत्या के दिन महिपाल मदेरणा ने कर लिया था अपना फोन बंद

    साजिश के तहत भंवरी के मर्डर को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सहीराम विश्नोई ने अपने रिश्तेदारों की आईडी से दो सिम और मोबाइल फोन फलौदी से खरीदे थे। घटना के दिन सहीराम और मदेरणा ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिए थे। एक नंबर का इस्तेमाल सहीराम केवल सोहन विश्नोई से बात करने के लिए करता था तो दूसरी सिम नंबर का कैलाश जाखड़ की गैंग से बात करने के लिए किया करता था। ताकि कॉल डिटेल में भी मामले का खुलासा नहीं हो सके। सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ था कि इन तीन दिन में करीब 150 कॉल पर्टिकुलर चार मोबाइल नंबर पर ही किए गए। मलखान सिंह इस दौरान जयपुर से बाहर रहकर पूरे साजिश में फोन के जरिए अपनी भूमिका निभा रहा था।

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