महाराष्ट्र सरकार मध्यप्रदेश में हुए किसान आंदोलन से सबक लेते हुए सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। रविवार को महाराष्ट्र सरकार और प्रदेश के किसानों के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। अब महाराष्ट्र के किसान कर्ज माफी के लिए आंदोलन नही करेंगे। इस बैठक में यह भी तय किया गया है कि कर्ज माफी के लिए सरकार और किसानों की एक कमेटी बनेगी और किसानों पर दर्ज मामले भी वापस लिए जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले के बाद प्रदेश में होने वाले किसान आंदोलन को किसान संगठनों ने रद्द कर दिया है। इससे पहले मध्यप्रदेश में हो रहे किसान आंदोलन के तहत शिवराज सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया।
फडणवीस सरकार कर रही है किसानों का कर्ज माफ, MP से लिया सबक
फडणवीस सरकार के राजस्व मंत्री चन्द्रकांत पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का निर्णय किया है। सीमांत किसानों का सारा कर्ज आज से ही माफ किया जाता है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में भाग लेने वाले किसान नेता और लोकसभा सदस्य राजू शेट्टी ने कहा कि वह खुश हैं कि उनकी मांगें मान ली गयी हैं। शेट्टी ने कहा,
‘‘हमारे मुद्दे सुलझ गये हैं। हमने कल और परसों होने वाले धरना प्रदर्शन सहित अपना आंदोलन अस्थाई रूप से वापस लेने का फैसला लिया है। लेकिन, यदि 25 जुलाई तक (कर्ज माफी पर) कोई संतोषजनक फैसला नहीं लिया गया तो हम अपना आंदोलन फिर शुरू करेंगे।’’
मध्यप्रदेश के किसानों को मिल सकती है 2 हजार करोड़ की राहत
कर्ज माफी को लेकर मध्यप्रदेश के किसानों द्वारा किया जा रहा आंदोलन रविवार को कुछ शांत रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किसानों और जनता की राय लेकर अपना उपवास तो तोड़ दिया लेकिन कर्ज माफी को लेकर चुप्पी साधे रखी। हालांकि खबरे आ रही है कि मध्यप्रदेश सरकार किसानों के कर्ज को माफ करने के लिए एक मसौदा बना रही है। इस मसौदे के तहत शिवराज सरकार प्रदेश के किसानों को 20 अरब रुपए की राहत दे सकती है। अगर ऐसा होता है तो मध्यप्रदेश के लगभग सभी किसानों को लाभ मिलेगा।