आनंदपाल का राजनैतिक इस्तेमाल करने वाले समाज के नेताओं को जानिए, आम नहीं बड़े ख़ास है।

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    ”आनंदपाल सिंह”, यह वह नाम है जिसके कारण आज वीर और बलिदानियों की भूमि राजस्थान आपराधिक भूमि से जानी जा रही है। आनंदपाल सिंह राजस्थान के रक्तरंजित इतिहास का काला अध्याय बनकर उभरा है। 18 महीनों से फरार चल रहे आनंदपाल सिंह को आज से 18 दिन पहले  राजस्थान पुलिस ने प्रदेश के चूरू ज़िलें में खोज निकाला था। पुलिस ने जब आनंदपाल को गिरफ्तार करना चाहा तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। बचाव करते हुए पुलिस ने भी गैंगस्टर पर जवाबी कार्यवाही की। इस कार्यवाही में आनंदपाल मारा गया और राजस्थान पुलिस का कमांडो शेरदिल सोहन सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया।

    सोहन सिंह को भूलें और आनंदपाल का किया इस्तेमाल:

    आनंदपाल से मुठभेड़ में घायल हुए कमांडों सोहन सिंह आज गंभीर स्थिति में दिल्ली के मेदांता अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत के बीच अधरझूल है। अपराध के खात्मे के लिए अपनी जान की परवाह न करने वाले सोहन सिंह को राजस्थान सरकार ने शेरदिल की उपाधि दी। लेकिन राजपूत और अपने-अपने समाज का राग अलापने वाले जातिवादी नेताओं ने सोहन सिंह की वीरता को किनारे कर आनंदपाल की क्रूरता और कायरता को समाज के कर्ता-धर्ता के रूप में भुनाया। राजपूत समाज के इन कथित नेताओं ने आनंदपाल का इस्तेमाल अपनी राजनैतिक कुर्सी को ऊंचा चढ़ाने के लिए किया है। अगर वास्तव में देखा जाए तो इन लोगों को इंसानियत से कोई मतलब नहीं है। ये लोग न अपने समाज के लिए हितकारी है, न प्रदेश के लिए, और न देश के लिए। पिछले दो सप्ताह से भी ज़्यादा समय से राजपूत समाज के नौजवानों को उकसाने वाले इन नेताओं की पड़ताल करें तो पाते है, कि न इनमें से कोई गरीब है, न किसान का बेटा और न ही समाज के हमदर्द। समाज के लिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाले ये लोग महज़ अपनी राजनीति चमकाने के लिए आनंदपाल की मृत देह को किसी आम मुद्दे की तरह उछाल रहे हैं। जानिये इन नेताओं के बारे में।

    सुखदेव सिंह गोगामेड़ी:

    सुखदेव सिंह गोगामेड़ी राजपूत समुदाय के सबसे बड़े समूह ”करणी सेना” के वर्तमान अध्यक्ष है। गोगामेड़ी जयपुर के कच्छवाहा राजघराने के शेखावत परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। राजपूत समाज के लोगों को जातिवाद के नाम पर दुहाई देकर राजनीति में अपने पैर ज़माने की कोशिश करने वाले गोगामेड़ी के पास राजधानी जयपुर और राज्य के अन्य ज़िलों में अपार संपत्ति है। समाज के लोगों को बहकाने के लिए सीधे-सादे बनने का ढोंग करने वाले गोगामेड़ी, साल 2013 में करणी सेना से जुड़े थे। समूह के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को किनारे कर इतने कम समय में संगठन के अध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले गोगामेड़ी हमेशा पद के लालची रहे हैं, यह बात तो सभी जानते हैं।

    लोकेन्द्र सिंह कालवी:

    राजस्थान कांग्रेस पार्टी के असफल नेताओं में अव्वल रहने वाले लोकेन्द्र सिंह कालवी इन दिनों अपनी पहचान बनाने के लिए उलटे-सीधे तरीकें से सुर्खियां बटोरने में लगे है। राजधानी जयपुर में फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट करने में कालवी प्रमुख थे। पूर्व केंद्रीय और राज्य मंत्री ‘कल्याण सिंह कालवी’ के बेटे लोकेन्द्र सिंह कालवी अपनी नाकाम और जातिवाद से परिपूर्ण राजनीति के कारण राजस्थान में जाने जाते है। आज भी लोगों की भावनाओं को भड़काकर कालवी अपना राजनीतिक कद बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए है।

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