राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रयासों से जल्द ही यमुना का पानी राजस्थान को मिल सकता है। सीएम राजे इस दिशा में हरसंभव कोशिश कर रही हैं। वे आज यानी मंगलवार को इसके लिए नई दिल्ली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलेगी। राजे की इस बैठक में अहम फैसला आने की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री राजे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेगी। अगर बैठक में सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यमुना का पानी राजस्थान लाया जा सकता है। जिससे राजस्थान के तीन जिलों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति की जा सकेगी।
इन तीन जिलों को मिलेगा यमुना का पानी
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बैठक अगर सकारात्मक रहती है तो प्रदेश के तीन जिलों को पानी मिल सकेगा। इन तीन जिलों में भरतपुर, चुरू और झुंझुनूं शामिल है। इन तीनों जिलों में पाइप लाइन के जरिए पानी लाया जाएगा। यह पानी पीने के साथ खेती के लिए भी उपयोग में लिया जा सकेगा। हालांकि इसके लिए हरियाणा के साथ यमुना जल समझौते के तहत एमओयू साइन होगा, जिसके लिए हरियाणा अब तक साइन करने से कतराता रहा है। इस वजह से 2003 से वसुंधरा राजे सरकार की यह योजना लागू नहीं हो पाई है।
1994 के समझौते के तहत राजस्थान को मिलना है यमुना का पानी
1994 में हुए एक समझौते के तहत राजस्थान को यमुना का पानी मिलना है। समझौते के तहत यमुना के पानी में राजस्थान का 1.119 बिलियन क्यूबिक मीटर हिस्सा है। वसुंधरा राजे सरकार ने यमुना के पानी के लिए हाल ही में केंद्रीय जल आयोग के पास पीएफआर रिपोर्ट बनवाकर भिजवाई है। यमुना के पानी का मामला 2003 से लंबित पड़ा है। सरकार को यमुना के पानी के लिए जमीन अधिग्रहण भी नहीं करेनी पड़ेगी।
पाइप लाइन के जरिए लाया जाएगा यमुना का पानी
यमुना का पानी ताजेवाला बैराज-हथिनी कुंड से लाने की योजना है। राजस्थान में यमुना का पानी पाइन लाइन के जरिए लाया जाएगा। चुरू और झुंझुनूं के दस ब्लॉक में यह पानी पहुंचेगा। साथ ही चुरू जिले के राजगढ़ में रिजरवायर भी बनाया जाएगा। यमुना का पानी अगर राजस्थान आता है तो इसका उपयोग इन जिलों में पेयजल के साथ सिंचाई में भी किया जा सकेगा। जिससे प्रदेश के इन जिलों में पानी की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेगी।
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हरियाणा का सहयोग नहीं मिलने के कारण नहीं मिल रहा पानी
राजस्थान के पड़ोसी राज्य हरियाणा के असहयोग के कारण अब तक राजस्थान को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है। हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ओखला से भरतपुर जिले के लिए पानी रिलीज करती रही है, लेकिन हरियाणा सरकार का हमेशा से ही अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। जिसके कारण अब तक यमुना का पानी राजस्थान नहीं पहुंच सका है। राजस्थान के हिस्से का पानी हरियाणा रोक लेता है। मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में यमुना के पानी के अलावा इंदिरा गांधी प्रोजेक्ट को लेकर भी हरियाणा के साथ मुख्यमंत्री खट्टर के साथ राजस्थान की सीएम राजे की चर्चा होनी है।