राजस्थान में अब तीसरी आंख यानि सीसीटीवी कैमरे से सभी वन्यजीवों पर नजर रखी जाएगी। रणथंभौर, सरिस्का, मुकंदरा हिल, झालाना और जवांई कंजर्वेशन रिजर्व को थर्मल कैमरे से जोड़ा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 21 मार्च से होने जा रही है। अरण्य भव में इसका कंट्रोल रूम तैयार हो रहा है। jhalana leopard park
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इसकी शुरूआत जयपुर के झालाना स्थित लेपर्ड पार्क से होगी। इस प्रोजेक्ट से रिजर्व टाइगर्स को भी जोड़ा गया है। अगले डेढ़ महीने के भीतर शेष बचे 4 वन्यजीव क्षेत्रों को भी थर्मल कैमरे से जोड़ा जाएगारु। यह संपूर्ण कार्य सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से कराया जा रहा है। jhalana leopard park
एक थर्मल कैमरे की रैंज 50 किमी तक jhalana leopard park
पांचों वन्यजीव क्षेत्रों में थर्मल कैमरे फिट किए जाने का काम शुरू हो चुका है। एक थर्मल कैमरा 50 किमी दूर तक फोटो ले सकता है। इन कैमरों की खासियत है इसका नाइट विज़न। इस कैमरे के लिए रात के अंधेरे में भी चित्र लिए जा सकेंगे। यह भी आसानी से पता चल जाएगी कि किस इलाके में मानव गतिविधियां चल रही हैं या फिर वन्यतीव विचरण कर रहे हैं। कोई शिकार तो नहीं कर रहा। हालांकि अंधेरे में संदिग्ध व्यक्ति की पहचान तो नहीं हो सकेगी लेकिन यह पता चल जाएगा कि यह कोई आदमी है या जानवर। jhalana leopard park
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए 40 करोड़ का बजट पारित jhalana leopard park
वन्यजीवों की सुरक्षा व्यवस्था चौकस करने को लेकर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने 2017-18 के बजट में ही करीब 40 करोड़ रूपए का प्रावधान किया था। इस कार्य को वन विभाग ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सौंप दिया था। उसके बाद से ही यह कार्य किया जा रहा है। jhalana leopard park
स्थानीय स्तर पर बनेंगे कंट्रोल रूप
प्रमुख सचिव सूचना एवं प्रौद्योगिकी अखिल अरोड़ा ने बताया कि रणथंभौर, मुकंदरा, सरिस्का, जमाई और झालाना के लिए कंट्रोल रूम अरण्य भवन में बनाया जा रहा है। झालाना के अलावा अन्य 4 का स्थानीय स्तर पर भी सेंटर बनाया जाएगा जिससे स्थानीय के अलावा राज्य वन अफसर भी वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रख पाएंगे। jhalana leopard park