अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 से एक दिन पहले विवाहिता को डायन बता, दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

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    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019
    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019

    सबसे पहले सफ़ाई! वो इसलिए क्योंकि कई भद्रजन, जिनकी सोच काफ़ी उच्चस्तरीय होती है। वो इस लेख के शीर्षक में से कुछ वही निकालने की कोशिश करेंगे। जैसे चणी में से मणि निकली जाती है। लेकिन आज जब पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 मानाने जा रहा है। तो हमें इस बात को बोलना पड़ा। हमें एक महिला, एक स्त्री, एक नारी की ज़रूरत हर वक़्त रहती है। जीवन पर्यन्त रहती है। किसी भी पुरुष का जीवन, एक महिला के बिना अधूरा रहता है। ज़िन्दगी के हर मोड़ पर हमें किसी ना किसी रूप में एक महिला के साथ की आवश्यकता होती है। फिर वो चाहे माँ के रूप में हो, बहन के रूप में हो, पत्नी के रूप में हो, बेटी के रूप में हो या फ़िर एक दोस्त के रूप में ही क्यों ना हो। महिला किसी भी पुरुष के लिए हमेशा प्रेरणा का स्त्रोत होती है।

    कल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 है, और आज एक महिला के साथ ऐसा व्यवहार

    देश-दुनिया में कल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 है। लेकिन आज राजस्थान में एक ऐसी घटना हुई जिसने हम सबको सोचने पर मज़बूर कर दिया। दरअसल आज एक व्यक्ति ने सरेआम सबके सामने अपनी पत्नी की बैल्ट से पिटाई की। उस वक़्त कई लोग इस घटना को ना केवल देख रहे थे। बल्कि उस घटना का वीडियो भी बना रहे थे। माना कि मामला पति-पत्नी का आपसी था। निजी था। लेकिन ये निजी मामला उस वक़्त सार्वजानिक हो गया। जब उसने घर के बाहर आकर महिला के ऊपर हाथ उठाया। और घर के बाहर ही क्यों घर के अंदर भी किसी महिला पर किसी भी प्रकार का अत्याचार करना कहाँ की संस्कृति है। बेशक़ हिंदुस्तान की तो नहीं। लेकिन आज जिसे तरह की हरक़त हुयी है। ये भी हमारे देश के लिए नयी नही है। मालमे की पूरी जानकारी वीडियो में देख सकते हैं। कहाँ क्या है, पूरा मामला क्या है?

    अंधविश्वास के नाम पर हैवानियत, महिला की बेल्ट से पिटाई

    अंधविश्वास के नाम पर हैवानियत, महिला की बेल्ट से पिटाई #FINVideo #Barmer

    Posted by First India News Rajasthan on Thursday, March 7, 2019

    अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 का विषय बेहतर के लिए संतुलन

    8 मार्च को (International Women’s Day 2019) यानि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 मनाया जाएगा। इस बार महिला दिवस (Women’s Day) का विषय है, #BalanceforBetter मतलब बेहतर के लिए संतुलन। महिला दिवस पर लैंगिक असमानता को कम करने के लिए इस विषय को चुना गया है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष इसी तरह के विभिन्न विषयों को चुना जाता है। दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति आदर, सम्मान और प्रेम को दर्शाने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाओं की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में इस दिन को जश्न के रूप में मनाया जाता है। पहले 28 फरवरी, 1909 को सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में वर्ष 1908 में हुई महिला कपड़ा कर्मियों हड़ताल के सम्मान में ये दिन चुना। लेकिन बाद में संयुक्त राष्ट्रों ने 8 मार्च, 1975 को आधिकारिक तौर पर पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया था।

    सिर्फ़ एक दिन के लिए नहीं है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019

    जी हाँ। हम ऊपर भी इस बात को कहा चुके हैं। फिर से कह रहे हैं। ये अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2019 सिर्फ एक के लिए नहीं है। जो साल में एक बार मना लिया और पूरे साल महिलाओं के साथ जैसा चाहा व्यवहार करते रहे। एक इंसान के जीवन में हर दिवस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस होना चाहिए। क्योंकि बिना किसी महिला के किसी भी पुरुष ही नहीं ख़ुद एक महिला का जीवन भी असंभव है। क्योंकि वो जीवन दायिनी है। वो ही इस सृष्टि की रचयिता है। वो ही पालक है। बिना उसके जीवन की कल्पना करना भी एक कल्पना है। इसीलिए तो किसी ने ठीक ही कहा है।

    “क्या है औरत?

    औरत स्त्री है, नारी है, सुंदरी है, वनिता है
    अबला है औरत, रमणी है, कामिनी है, कान्ता है,
    औरत शक्ति है।
    क्योंकि…!
    हवा जब सरकती है, तो फ़िज़ा बदल देती है।
    धरती जब लरज़ती है, तो भूगोल बदल देती है।
    बारिश जब बरसती है, तो हालात बदल देती है।
    अग्नि जब दहकती है, तो आकार बदल देती है।
    बिजली जब कड़कती है, तो दिन रात बदल देती है।
    और ये सब औरत के ही तो स्वरुप हैं…
    इसीलिए
    औरत जब गरजती है, तो इतिहास बदल देती है।”

    अब इससे ज़्यादा और क्या कहें…!#women #IWD2019 #womensday #महिलादिवस #OneBoyOneGirl #BalanceforBetter #womensday2019…

    Posted by Mahendra Singh Mirotha on Thursday, March 7, 2019

     

    इसलिए हमें जीवन में हर क्षण एक महिला की इज्ज़त करनी चाहिए, हालात चाहे जो भी हों। क्योंकि अगर वो ग़लत भी होगी तो उसकी ग़लती की सजा उसे सिर्फ़ वही दे सकता है। जिसने उसे एक नए जीवन को जन्म देने की ताक़त दी है। इस दुनिया को रचने की शक्ति दी है। एक इंसान को उसके साथ दुर्व्यवहार करने का कोई हक़ नहीं। दरअसल एक इंसान की कोई बिसात ही नहीं है, कि वो एक नारी के साथ ग़लत आचरण अपनाये।

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