रंग और प्यार का त्योहार होली का पवित्र पर्व गुरूवार से शुरू होने जा रहा है। देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व बड़े ही उत्साह से सेलिब्रेट होने वाला है। holi 2018
कल होली दहन है जबकि शुक्रवार को धुलण्डी यानि रंग खेलने वाली होली है। धुलण्डी से पहले होलिका दहन होता है शास्त्रों के नियमानुसार होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि में करना चाहिए। holi 2018
हालांकि होली एक मार्च को सुबह 8 बजे से ही शुरू है लेकिन फिर भी होलिका दहन शाम 7:40 बजे के बाद ही होगा। वजह है, इस साल 1 मार्च को सुबह 8 बजकर 58 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है लेकिन इसके साथ भद्रा भी लगा होगा। भद्रा काल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए। इससे अशुभ फल प्राप्त होता है, ऐसा नियम है। holi 2018
इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है। यहां होली दहन का शुभ संयोग, तिथि और शुभ मुहूर्त दिया गया है। holi 2018
कार्यक्रम का समय
- होली शुभारंभ: 8 बजकर 58 मिनट पूर्णिमा
- भद्रा काल प्रारंभ: नियत समय
- भद्रा काल समाप्त: शाम 7 बजकर 37 मिनट
- होलिका दहन: भद्रा काल समाप्ति के पश्चात
- धुलण्डी: अगले दिन सुबह
शाम 7.37 बजे भद्रा काल समाप्त हो जाएगा इसके बाद से होलिका दहन किया जाना शुभ रहेगा। वैसे शास्त्रों में बताए गए नियमों के अनुसार इस साल होलिका दहन के लिए बहुत ही शुभ स्थिति बनी हुई है। holi 2018
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इस बार की होली फलदायक
धर्मसिंधु नामक ग्रंथ के अनुसार, होलिका दहन के लिए तीन चीजों का एक साथ होना बहुत ही शुभ होता है। यह तीन बाते हैं: पूर्णिमा तिथि हो, प्रदोष काल हो और भद्रा ना लगा हो। इस साल होलिका दहन पर ये तीनों संयोग बन रहे हैं। इसे देखते हुए इस साल की होली आनंददायक व फलदायक भी रहेगी। holi 2018