GST विधेयक ध्वनिमत से हुआ पारित, राजस्थान देश का तीसरा राज्य, जाने क्या होंगे GST से फायदे

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2006

तेलंगाना और बिहार के बाद राजस्थान बुधवार को राजस्थान में भी राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) बिल पारित हो गया। राजस्थान विधानसभा के आठवें सत्र के दूसरे चरण के अंतिम दिन राजस्थान माल और सेवा कर विधेयक, 2017 संशोधित रूप में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

कर की जटिलता को समाप्त कर देश के विकास में योगदान

उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है, जब राजस्थान इस विधेयक को पारित करने के साथ देश में करों की जटिलता को समाप्त कर विकास दर को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहा है। शेखावत ने कहा कि करों की जटिलता अपने आप में ही एक कर है। इसी वजह से इस विधेयक के माध्यम से करों की जटिलता को कम किया जा रहा है और देश की अर्थव्यवस्था को प्रगतिशील अर्थव्यवस्था में बदलने का काम किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कई प्रकार के कर होने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में कई अर्थव्यवस्थाएं काम कर रही थीं। साथ ही इसमें जटिलता होने से भ्रम की स्थिति भी सामने आती थी और कई विधिक समस्याएं भी थीं। ऐसे में माल और सेवा कर देश के विकास की रफ्तार को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा।

राज्य जीएसटी कानून में क्या खास

– साल में कर्मचारी को 50 हजार रुपए से अधिक की गिफ्ट दी तो कंपनी को देना होगा कर ।

– किसी वस्तु का मालिकाना हक बदलना भी माना जाएगा वस्तुओं का आदान-प्रदान ।

– मनोरंजन व विज्ञापन पर कर सम्बन्धी 1957 के कानून सहित सात कानून राज्य जीएसटी कानून में समायोजित ।

– राज्य में सृजित होगा कर के प्रमुख आयुक्त या मुख्य आयुक्त का पद ।

– वैट के लिए नियुक्त अधिकारी इस कर के लिए कार्य करेंगे।

– अपीलों पर सुनवाई केन्द्रीय जीएसटी कानून के तहत गठित अपीलीय ट्रिब्यूनल की बेंच करेगी ।

– हाईकोर्ट में सीधे अपील नहीं हो सकेगी।

– कर निर्धारण को लेकर कोई विवाद होने पर ट्रिब्यूनल में ही जाना होगा।

कॉपरेटिव फेडरेलिज्म को मिलेगा बढ़ावा

शेखावत ने कहा कि जीएसटी कौंसिल में सिर्फ केन्द्र या राज्य मनमानी नहीं कर सकते, क्योंकि निर्णय तीन चौथाई बहुमत से होगा। कौंसिल में एक तिहाई सदस्य केन्द्र के हैं और दो तिहाई राज्यों के सदस्य हैं। इससे कॉपरेटिव फेडरेलिज्म की भावना को बढ़ावा मिलेगा। सभी दल इसको लागू करने के लिए एकमत हैं और यह देश के लिए संजीवनी साबित होगा।

टैक्स से मिलेगी राहत

भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि विश्व बैंक के मुताबिक भारत में करों की 20 फीसदी राशि रिश्वत में चली जाती है। लेकिन जीएसटी (माल एवं सेवाकर) के लागू होने के बाद इस पर लगाम कसी जा सकेगी। अब तक जीएसटी दुनिया के 160 देश लागू कर चुके हैं। वर्ष 2000 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जीएसटी की तैयारी को लेकर कमेटी गठित की थी। आज हम 30 से 35 फीसदी तक टैक्स दे रहे हैं। लेकिन जीएसटी के लागू होने के बाद 20 से 25 फीसदी टैक्स देना होगा।

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