गहलोत, पायलट ने लिया दिल्ली में राहुल से जीत का फॉर्मूला, हर जगह मुंह की खाने के बाद राजस्थान में आजमाएंगे भाग्य

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मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान कांग्रेस के सभी 24 विधायकों, पूर्वमुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी से आगामी 2018 के विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक की। इस बैठक में राहुल गांधी ने राजस्थान कांग्रेस के नेताओं को जीता का फॉर्मूला बताया और यह रणनीति तय की कि आगामी विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री राजे को कैसे टक्कर दी जाए। राहुल की इस बैठक में नव नियुक्त प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे भी शामिल हुए लेकिन यहां भी कांग्रेस की फूट साफ दिखाई दी। कांग्रेस आलाकमान के बुलावे के बाद भी कांग्रेस के दिग्गज नेता सी.पी. जोशी, मोहन प्रकाश, गुरदास कामत गायब रहे। इसके अलावा राहुल गांधी ने निर्दलीय विधायक राजकुमार शर्मा को भी बुलावा भेजा था लेकिन वो बैठक में नही जा पाएं। आपको बता दे कि राहुल गांधी ने यह बैठक प्रदेश में कांग्रेस की बूरी स्थिती, गहलोत पायलट की आपसी कलह, राजस्थान कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी पर चर्चा करने के लिए रखी थी लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात ही रहे।

मुख्यमंत्री पद की लॉबिंग करने के लिए बुलाई राहुल ने बैठक

जानकार सुत्रों के हवाले से खबर आ रही हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान कांग्रेस के नेताओं को दिल्ली मुख्यमंत्री पद की लॉबिंग करने के लिए बुलाया था। क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस इसी बात पर दो टूक हो रही हैं। स्थानीय कार्यकर्ता और नेताओं में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग तेज हो गई हैं। दिल्ली में राहुल गांधी से राजस्थान के विधायकों की मुलाकात कराने के बहाने लॉबिंग का प्रयास ही रहा। लेकिन बैठक में विधायकों के बीच आपसी अनबन और टकराव के चलते यह लॉबिंग नही हो पाई। फिलहाल राहुल गांधी ने राजस्थान में खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया हैं जिससे कांग्रेस के गुटों के कार्यकर्ताओं में नाराजगी साफ तौर पर देखने को मिल रही हैं।

आपसी गुटबाजी से कांग्रेस के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह

पिछले कुछ समय से प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें मुखर हो रहीं है। पीसीसी अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच बढ़ती खाई ने प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। इसी के चलते अब आलाकमान प्रदेश कांग्रेस के हालात सुधारने की कवायद में जुटा हैं लेकिन हालात बद से बद्तर होते जा रहे हैं। राजस्थान कांग्रेस अब अस्त होने के कगार पर ख़ड़ी हैं।

आपस में उलझ कर दिल्ली पहुंचे कांग्रेसी

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जनकल्याणकारी योजनाओं और आम जन को साथ लेकर चलने की योजनाओं से जनता के बीच उनकी आवाज मुखर हुई हैं। हाल ही में कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री राजे के केंद्र में जाने की अफवाहों को तूल दिया था लेकिन धौलपुर विधानसभा उपचुनाव के बाद कांग्रेसियों में आपसी कलह ने ही इनकी आवाज को दबा दिया। जिस प्रकार से धौलपुर में मुख्यमंत्री राजे ने विजय हासिल की उससे विरोधियों को मुंह पर ताले लग गये और आपस में ही एक दूसरे से उलझ कर दिल्ली पहुंच गये।

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