जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की मुश्किले कम नहीं हो रही है। बीते महीनों से प्रदेश में पहले जगह-जगह हुई दंगों और तनाव की खबरों सामने आई और अब कांग्रेस के ही मंत्री-विधायक सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैंं माननीयों और उनके परिजनों के खिलाफ एक के बाद एक गंभीर प्रकरण सामने आ रहे हैं। उनके खिलाफ थानों में मामले भी दर्ज हो रहे हैं। ऐसे में विपक्ष को सरकार के खिलाफ हमलावर होने का पूरा मौका मिल रहा है। विपक्ष ने इन प्रकरणों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
गहलोत सरकार के सामने कई संकट
आपको बता दें कि खास तौर से ‘एम’ फैक्टर की वजह से सरकार के सामने कई संकट खड़े हो गये हैं। मलिंगा, महेश जोशी और महेन्द्र चौधरी से जुड़े प्रकरणों ने सरकार की चिंता ज्यादा बढ़ा रखी है। बिजली विभाग के अभियंता से मारपीट के मामले में बाड़ी विधायक गिर्राज मलिंगा लंबे समय तक पुलिस की पकड़ से दूर रहे। इसके कारण विपक्ष राज्य सरकार पर लगातार हमला बोलता रहा। आखिरकार नव संकल्प शिविर से पहले मलिंगा को सरेंडर करना पड़ा।
मंत्री महेश जोशी के बेटे के खिलाफ रेप केस
जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी के पुत्र रोहित जोशी के प्रकरण में भी राज्य सरकार को विपक्ष के खूब हमले झेलने पड़ रहे हैं। रोहित जोशी के खिलाफ दिल्ली के एक थाने में एक युवती ने रेप का मामला दर्ज करा रखा है। इस मामले में रोहित की गिरफ्तारी के लिये दिल्ली पुलिस जयपुर का चक्कर काट चुकी है। वह रोहित के संभावित ठिकानों पर दबिश दे चुकी है लेकिन वह दिल्ली पुलिस को नहीं मिला।
उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी का भी नाम मर्डर केस में
ये दोनों मामले अभी ठंडे भी नहीं पड़े थे कि उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी के भाई और दूसरे रिश्तेदार नागौर की नावां सिटी में बीते शनिवार को हुये नमक कारोबारी एवं हिस्ट्रीशीटर जयपाल पूनिया मर्डर केस में फंस गए। खुद महेन्द्र चौधरी का नाम भी एफआईआर में आ गया। इस मामले को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने खूब तूल दिया और सरकार को जमकर घेरा।