राजस्थान से नही छूट रहा है पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मोह, मन और मस्तिष्क अभी भी प्रदेश में अटका

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं गुजरात कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत राजस्थान से अपना मोह नही छोड़ पा रहे हैं। अशोक गहलोत को जब से गुजरात भेजा गया है तब से ना तो वो राजस्थान के रहे हैं और ना ही वो गुजरात के बन पा रहे है। एआईसीसी महासचिव का ध्यान गुजरात की राजनीति से ज्यादा राजस्थान की ओर रहता है, जबकि गुजरात में आने वाले कुछ दिनों में बेहद महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने वाले है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कांग्रेस राजस्थान में अशोक गहलोत के कारण आपस में विभाजित हो रही है और गुजरात में भी। राजस्थान की राजनीति अशोक गहलोत के काबू से बाहर हो गई थी इसलिए कांग्रेस हाईकमान ने गहलोत को गुजरात की अंतर कलह को दूर करने के लिए तैनात किया लेकिन गहलोत वहां भी अपना ध्यान नही लगा पा रहे है। जानकारी के अनुसार एआईसीसी महासचिव गहलोत गुजरात राज्य इकाई के अंदर की गुटबाजी का हल करने में असमर्थ रहे है।

राजस्थान के बारें में लगातार ट्वीट कर रहे हैं गहलोत

पूर्व मुख्यमंत्री एवं एआईसीसी के महासचिव अशोक गहलोत का शरीर तो राजस्थान से चला गया है लेकिन मन व मस्तिष्क को राजस्थान के बाहर भेजना बड़ा मुश्किल लग रहा है। राजस्थान में राजनीतिक द्वंदता के देखते हुए अशोक गहलोत को गुजरात का प्रभारी सचिव बनाया गया लेकिन गहलोत गुजरात की अन्तरकलह पर ध्यान ना देकर राजस्थान में अपनी बखियां बिछी रहे है। एआईसीसी महासचिव चाहकर भी अपने आपको राजस्थान से दूर नही रख पा रहे है इसका एक प्रमाण गहलोत का ट्विटर हैंडल है। पूर्व मुख्यमंत्री अभी भी राजस्थान से संबंधित ट्वीट ही करते है जबकि उनके पास राजस्थान सें संबंधित कोई दायित्व नही है। ऐसे में ज़ाहिर होता है गहलोत अपने ट्विटर और फेसबुक से पूरा ध्यान राजस्थान पर ही केंद्रित कर रहे है। गुजरात के झगड़ों से गहलोत शाय़द बेखबर ही रहते है।

गुजरात कांग्रेस के हालात बेहद नाजुक

आलाकमान राहुल गांधी ने गुजरात में प्रभारी महासचिव अशोक गहलोत को दो कारणों को ध्यान में रखते हुए लगाया था। पहला कारण यह था कि राजस्थान में अशोक गहलोत आंतरिक गतिरोध को रोकने में असफल रहें तो दूसरा कारण यह है कि गुजरात में कांग्रेस को टीम लीडर की आवश्यकता थी। ऐसे में राहुल गांधी ने राजस्थान पीसीसी चीफ की राह से मुश्किलों को भी हटा दिया और गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी भी चुन लिया। लेकिन अशोक गहलोत गुजरात में भी कांग्रेस के लिए लाभप्रद सिद्ध नही हो रहे है। गुजरात में कांग्रेस विधायक दल के नेता शंकर सिंह वाघेला और पीसीसी अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी को राहुल गांधी ने मीटिंग के लिए बुलाया गया था। इस मीटिंग में अशोक गहलोत भी उपस्थित थे और खबरें ये मिल रही है कि वाघेला का रवैया बहुत सख्त है, वो चाहते है कि उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाए नही तो वो पार्टी छोड़ सकते है। गुजरात के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव का समय पास आ रहा है, ऐसे में कांग्रेस की राज्य इकाई बुरी तरह से विभाजित नज़र आ रही है और पार्टी के वरिष्ठ नेता परस्पर विरोधी रुख अपनाएं हुए है।

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