राजस्थान में दिव्यांगजनों के लिए बनेगी पहली अन्तर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी

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राजस्थान में दिव्यांगजनों के लिए बनेगी पहली अन्तर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी 
दिव्यांगजन समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें संबल प्रदान करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
राज्य सरकार उन सभी के कल्याण के लिए पूरी तरह संवदेनशील है। इन सभी को सक्षम और स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य सरकार विशेष अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी स्थापित करने की योजना बना रही है।
विशेष योग्यजनों को समर्पित इस अन्तरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी के लिए राज्य सरकार की एक अन्य
अन्तर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटी से वार्ता चल रही है। यह कहना है प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का जो बीते दिवस बिड़ला ऑडिटोरियम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय विशेष योग्यजन अभियान के दूसरे चरण के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रही थीं।
15 लाख दिव्यांगजनों को सक्षम बनाने पर होगा काम —
प्रदेश मे इस समय करीब 15 लाख दिव्यांगजन मौजूद हैं। दिव्यांगजनों को यूनिक पहचान देने के लिए राजे ने तीन विशेष योग्यजनों को प्रदेश के पहले यूनिक डिसएबिलिटी आईडी कार्ड तथा पांच अन्य विशेष योग्यजनों को डिसएबिलिटी सर्टिफिकेट और सहायक उपकरण प्रदान किए। यूनिक आईडी कार्ड स्थायी होंगे और इनके माध्यम से पूरे देश में दिव्यांगजनों को लाभान्वित किया जा सकेगा। साथ ही विशेष योग्यजन स्किल डवलपमेंट सेंटर के माध्यम से 280 दिव्यांगों को रोजगार से जोड़ा गया है।
देवेन्द्र झाझड़िया से लें प्रेरणा —
राजे ने प्रदेश के सभी दिव्यांगजनों को खेल रत्न पुरस्कार विजेता पैरा एथलीट देवेन्द्र झाझडिया से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हमारे भीतर आत्मबल है तो हमें आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। देवेन्द्र झाझड़िया पैरा जैवलिन थ्रो एथलिट हैं और पैराओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक ​जीत चुके हैं। झाझड़िया को 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा महाराणा प्रताप पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। पद्मश्री और अर्जुन अवार्ड के साथ पैराओलंपिक में स्वर्ण पदक ​जीतने पर हाल ही में उन्हें खेल रत्न भी दिया गया है। आपको बता दें कि खेल रत्न पाने वाले झाझड़िया देश के पहले पैरा एथलीट हैं।

https://hindi.oneindia.com/news/sports/paralympics-2016-life-history-javelin-thrower-devendra-jhajharia-385196.html

इस अवसर पर निशक्तजन आयुक्त धन्नाराम पुरोहित, उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरुण चतुर्वेदी, संसदीय सचिव कैलाश वर्मा, सांसद रामचरण बोहरा, महापौर अशोक लाहोटी, विधायक मोहनलाल गुप्ता व भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के संस्थापक डीआर मेहता सहित बड़ी संख्या में दिव्यांगजन एवं उनके परिजन भी उपस्थित थे।

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