किसान की जमीन नीलामी केस में बैकफुट पर आया प्रशासन, निरस्त की पूरी प्रक्रिया

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    जयपुर। केसीसी का लोन (KCC Loan) नहीं चुका पाने पर नीलाम की गई किसान की जमीन के मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन तत्काल बैकफुट पर आ गया। दौसा के रामगढ़ पचवारा क्षेत्र के किसान की जमीन की नीलामी प्रक्रिया को प्रशासन ने निरस्त कर दिया है. इसके लिये प्रशासन ने तर्क दिया कि डीएलसी दर से कम बोली लगने के कारण नीलामी प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है. इसके साथ ही बैंक और किसान परिवार को सेटलमेंट करने के निर्देश दिए।

    विपक्ष का गहलोत सरकार पर हमला
    इस मामले की भनक लगने पर किसान नेता राकेश टिकैत और बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा दौसा पहुंच गये. केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने भी किसानों की जमीन नीलामी मामले को लेकर गहलोत सरकार पर जोरदार हमला बोला।

    प्रशासन ने निकाला यह समाधान
    विपक्ष ने सरकार को कर्ज माफी का वादा याद दिलाया। उनका कहना था कि कांग्रेस सरकार ने चुनाव पूर्व वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो आते ही 10 दिन में किसानों की कर्ज माफी कर दी जायेगी और अब किसानों की जमीनें नीलाम की जा रही है। बताया जा रहा है कि उसके बाद प्रशासन पर पड़े दबाव के चलते वह बैकफुट पर आ गया और रामगढ़ पचवारा की एसडीएम मिथलेश मीणा ने एक आदेश जारी कर नीलामी प्रक्रिया को निरस्त कर दिया।

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