जयपुर। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे अपराध चिंता का विषय बना हुआ है। प्रदेश के कोटा शहर में रोजाना अपराध घटना सामने आ रही है। पुलिस प्रशासन के होते हुए भी अपराधी अपने मनसुंबो को अंजाम दे रहे है। पिछले दिनों से शहर में चोर सूने मकानों और प्रतिष्ठानों को निशाना बना रहे हैं। शहर में हर दिन औसत तीन से चार मकानों के ताले तोड़कर चोर माल पा कर जाते हैं। ज्यादातर चोरी की वारदातें खोलने में पुलिस नाकाम रहती है। इस कारण चोरों के हौसले बुलंद हैं। सीसीटीवी कैमरों में भी चोरी की वारदातें कैद तो हो जाती हैं, लेकिन चोर पुलिस की पकड़ से दूर रहते हैं।
पिछले साल हुई थी 1192 चोरी
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले साल 1192 चोरी की वारदातें हुई थी। इनमें चार करोड़ से अधिक का माल चोरी हुआ था। इसमें से एक करोड़ 62 लाख रुपए का ही माल बरामद कर पाई है। चोरी की ज्यादातर वारदातें खोलने में पुलिस सफल नहीं हो पाई। जानकारों का कहना है कि चोरी की वारदातें आंकड़ों से ज्यादा हुई है। कई लोग तो पुलिस तक नहीं जाते हैं। पुलिस के आंकड़ों पर यकीन करें तो 2019 के मुकाबले 2020 में चोरी की वारदातों का ग्राफ घटा है।
लॉकडाउन में हुई की घटनाएं
कोरोना संक्रमण के कारण मार्च के अंतिम पखवाड़े में लॉकडाउन लागू हो गया था। इस कारण लोग अपने घरों में ही रहे। इस कारण लॉक डाउन अवधि में चोरी की वारदातें कम हुई है। 23 जनवरी की रात को भीमगंजमंडी थाने के पास एक ज्वैलरी शोरूम पर चोर लाखों रुपए के जेवरात पार कर ले गए। सीसीटीवी कैमरे में चोर के ऑटो में बैठ कर जाने की तस्वीर आ चुकी है, लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है।