जयपुर। राजस्थान में महिलाओं और बालिकाओं के अपहरण, उनसे रेप व गैंगरेप तथा दलितों के साथ अत्याचार जैसी अनेक अमानवीय घटनाओं से क्षुब्ध होकर प्रबुद्ध वर्ग ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपकर हस्तक्षेप की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 37 प्रतिष्ठित लोग शामिल हैं। इनमें 16 पूर्व कुलपति, पूर्व आईएएस, आईपीएस, सेना के पूर्व अधिकारी जनरल, कर्नल, मेजर, पूर्व आयकर आयुक्त और सरकार के विभिन्न आयोगों में अध्यक्ष रह चुके लोग शामिल हैं।
आंख बंद करके बैठा है पुलिस-प्रशासन
ज्ञापन में कहा गया है कि वर्ष 2019 एवं 2020 में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों में और रेप संबंधी अपराधों में राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार राजस्थान पहले एवं दूसरे स्थान पर आ गया है। प्रदेश की बहन-बेटियां असुरक्षित महसूस कर भय के वातावरण में जीवन व्यतीत कर रही हैं और पुलिस- प्रशासन इन आंख बंद करके बैठा है। इससे पूरा समाज चिंतित है। इन्होंने राज्य सरकार को असंवेदनशील करार दिया है।
प्रदेशवासियों में आक्रोश और भय
ज्ञापन में पिछले दिनों प्रदेश में हुई कई घटनाओं का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि सीकर में कक्षा आठ में पढ़ने वाली 15 वर्षीय बालिका के साथ रेप हुआ। उसका वीडियो बनाया गया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी के साथ अन्य लोगों ने भी दुष्कर्म किया। सिरोही की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप का जघन्य अपराध हुआ। बारां जिले में दो नाबालिग बहनों का अपहरण कर गैंगरेप की घटना सामने आई। बाड़मेर के शिव थाना क्षेत्र में बच्ची को घर में अकेली पाकर मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने घर में घुसकर उससे रेप दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो बनाकर ले गए। करौली के बुकना गांव में मंदिर के पुजारी को जिंदा जला दिया गया जिससे उसकी मौत हो गई।