पंचायत चुनाव 2020: निर्वाचन आयोग ने अस्वीकारा सचिन पायलट का अनुरोध, कहा- परीसिमन में देरी के कारण उलझा मामला

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    जयपुर। राजस्थान निर्वाचन आयोग ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव समय पर करवाने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग पीएस मेहरा ने कहा है कि पंचायतों के चुनाव तय समय पर कराना संभव नहीं है। आयोग ने अपने जवाब में चुनाव को लेकर पंचायती राज विभाग से किए गए पत्राचार और अन्य तर्कों का विस्तार से उल्लेख किया है। डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने हाल ही में आयोग को चिट्ठी लिखकर समय पर चुनाव कराने का अनुरोध किया था। चिट्ठी में पायलट ने कहा था कि सरकार की प्रशासक लगाने की कोई मंशा नहीं है।

    समय पर चुनाव के लिए हरसंभव प्रयास किए
    राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायती राज विभाग को लिखी चिट्ठी में स्पष्ट कहा है कि आयोग ने समय पर चुनाव कराने के लिए अपने स्तर से हरसंभव प्रयास किए हैं, लेकिन डिप्टी सीएम के पत्र से यह प्रतीत होता है कि ये तथ्य उनके ध्यान में नहीं लाए गए। आयोग ने अपनी चिट्ठी में यह भी कहा कि विशेष अनुमति याचिका में पारित अंतरिम आदेश के संदर्भ में राज्य के महाधिवक्ता से राय ली गई थी। यह राय उन्होंने 10 जनवरी, 2020 से अपने पत्र के माध्यम से विभाग को उपलब्ध करवा दी थी। यदि इस प्रकरण में महाधिवक्ता द्वारा दी गई राय से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया जाता है तो स्थिति अपने आप में स्पष्ट हो जाती है। इसके अतिरिक्त यह भी स्पष्ट नहीं है कि पंचायती राज विभाग महाधिवक्ता द्वारा दी गई राय से सहमत है अथवा नहीं।

    आयोग ने ये भी दिए तर्क
    आयोग द्वारा 26 फरवरी, 2019 को पहला पत्र पंचायती राज विभाग को लिखा गया था। इसमें यह अपेक्षा की गई कि परिसीमन संबंधी कार्रवाई मई 2019 तक पूर्ण कर ली जाए। जबकि विभाग द्वारा इसके ठीक विपरीत इस कार्य के शुरुआत ही जून 2019 में की गई। अंतिम अधिसूचना 12 दिसंबर, 2019 को जारी की गई। इससे स्पष्ट है कि पंचायती राज विभाग द्वारा इस कार्य को पूरा करने में 6 माह का समय लिया गया, जबकि चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह कार्य 3 माह में भी संपादित किया जा सकता था।

    सचिन पायलट ने ये कहा था
    इससे पहले डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा था कि जिला परिषद, पंचायती समितियों के चुनाव समय पर कराने के लिए मैंने चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है। चुनाव समय पर हो। मैनपावर, पुलिस और संसाधन मुहैया कराने के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। राज्य सरकार राज्य निर्वाचन आयुक्त के संकेत का इंतजार कर रही हैं। लोकतंत्र की सबसे मजबूत कड़ी पंचायतें है। सभी का एक ही मकसद है कि देश का गणतंत्र मजबूत रहे। उसी की बात मैं भी कर रहा हूं।

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