राजस्थान में सेवारत डॉक्टर्स की हड़ताल आज समाप्त हो गई है। डॉक्टर्स व रेजीडेंट अपनी मांगों को लेकर पिछले 12 दिनों से लगातार हड़ताल पर चल रहे थे। बुधवार को राजधानी के झालाना स्थित सीफू कार्यालय में चिकित्सा संघ के पदाधिकारियों और सरकार के बीच हुई वार्ता को सकारात्मक रूख देते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने सम्मति से हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। इसके बाद प्रदेशभर के अस्पतालों में गुरूवार से चिकित्सकों और रेजीडेंट वापिस लौट आए हैं। कुछ डॉक्टर्स अभी भी अवकाश पर हैं लेकिन उनके भी एक या दो दिन में लौटने की उम्मीद है। समझौता वार्ता में सरकार ने डॉक्टर्स की सभी 30 मांगें मान ली हैं। एकल पारी में कार्य करने की मांग पर फैसला मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे पर छोड़ा गया है। Doctors Strike
सरकार व चिकित्सीय दल के बीच वार्ता पूरे 8 घंटे चले। इस बीच वार्ता के कई दौर हुए और आपस में विचार—विमर्श भी हुआ। सुबह करीब 12.30 बजे से शुरू हुई सुलह वार्ता रात 8.30 बजे जाकर समाप्त हुई। 8 घंटे चली। इस दौरान 5 बार समझौता पत्र तैयार हुआ, तब कहीं जाकर सहमति बन पाई। रेजीडेंट डाक्टर्स की सभी मांगों को मान लिया गया है। गुरूवार से हड़ताल पर गए डॉक्टर्स व रेजीडेंट का अस्पतालों में आना लगातार जारी है जिससे मरीजों ने चैन की सांस ली है। पिछले 12 दिनों से प्रदेशभर में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो चुकी थी और सैंकड़ों आॅपरेशन टाले जा चुके थे। Doctors Strike
चिकित्सक संघ और सरकार के बीच हुई इस सुलह वार्ता में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के साथ चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ, राज्य चिकित्सा मंत्री बंसीधर बाजीया, सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री यूनुस खान, सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक, प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता, चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी, चिकित्सा शिक्षा सचिव आनंद कुमार सहित चिकित्सा संघ के पदाधिकारी व रेजीडेंट नेतागण मौजूद रहे। Doctors Strike
समझौते के बिन्दू कुछ इस प्रकार से हैं। (समझौता पत्र संलग्न)