जयपुर। देश के ज्यादातर इलाकों में कई दिनों से बेमौसम बारिश हो रही है। इस बेमौसम बारिश की वजह से ही देश के कई इलाकों में तैयार फसलें बर्बाद हो गईं जिससे किसानों का काफी नुकसान हुआ है। राजस्थान में भी बेमौसम की बारिश से किसानों की फसल बर्बाद हो गई है। इस बारिश की वजह से 55 हजार हेक्टेयर में धान की फसल तैयार खराब हो गई है। इसमें से करीब 90 प्रतिशत हिस्से में ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग की फसल थीं। सोमवार सुबह किसान खेतों में गए तो वहां कटी पड़ी बाजरा, ज्वार आदि की फसलें बारिश से भीग कर खराब हो गई है। तेज बारिश के चलते धान की कटी हुई फसल पानी में तैरती नजर आई। इन खराबे को देखकर किसान मायूस हो गया है।
बारिश से कटी फसलों को नुकसान
प्रदेश के पूर्वी इलाकों में हुई तेज बारिश के बाद किसानों के खेतों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना मिली है। किसानों का कहना है कि पहले ही मानसून की बारिश से खेतों में पानी भरने से नुकसान हुआ था और आई बारिश ने कटी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। मानसून के दौरान हाडौ़ती में जमकर बारिश हुई थी और छबड़ा में खेतों में पानी भरने से फसलो को नुकसान पहुंचा था। अब खेतों में कटी हुई फसलों के जरिए लागत निकल जाने की उम्मीद में बैठे किसानों के सामने रविवार को बदले मौसम के साथ आई बारिश ने चिंता में डाल दिया। क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में किसान अपनी फसलों को मजदूरों के जरिए कटाई करवा कर इसे निकलवाने की तैयारी में बैठे हुए थे, लेकिन रविवार को जैसे ही मौसम ने पलटा खाया तो किसान खेतों में अपनी कटी हुई फसलों के ढेर पर फनी त्रिपाल ढक कर इसे बचाने के जुगाड़ में कोशिश में लगे रहे और कई जगह कटी फसल भीग गई।
नुकसान की गिरदावरी करवाने की मांग
कई खेतों में कटी मक्का खराब हो गई। उधर, सोयाबीन की फसल को लेकर किसानों का कहना है कि नाम मात्र की सोयाबीन की पैदावार खेतों में निकल रही है। अब बारिश ज्यादा हुई तो उसकी भी उम्मीद नहीं रहेगी। मूसलाधर बारिश से किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई। खलिहानों में कट पड़ी फसलों को काफी नुकसान होने का अनुमान बताया जा रहा है। तेज बारिश से खेतों में कट कर पड़ी बाजरे की फसल पानी-पानी हो गई। किसानों ने फसल के नुकसान की गिरदावरी करवाने की मांग की है।