जयपुर। राज्य में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर तेजी से एक्टिव हो रहा है। लोगों की लापरवाही और प्रशासन की ढिलाई का नतीजा है कि राज्य के सीमावर्ती जिलों में कोरोना तेजी से पांव पसार रहा है। केरल और महाराष्ट्र से राजस्थान आने वाले लोगों की तरह अब पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात से प्रदेश में आने वालों के लिए भी 72 घण्टे पूर्व कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। पड़ोसी राज्यों में कोविड-19 का संक्रमण फिर से बढ़ने के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है। राजस्थान में आंगनबाड़ी केन्द्र और स्कूलों में पांचवीं तक कक्षाएं पूर्व की भांति 31 मार्च तक बंद रहेंगी।
लापरवाही गंभीर चिंता का विषय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कोविड-19 महामारी की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। गहलोत ने कहा कि बीते कुछ दिनों के दौरान आम लोगों द्वारा प्रोटोकाल की पालना में लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने स्वायत्त शासन विभाग और सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को जागरूकता अभियान में फिर से तेजी लाने तथा पुलिस सहित अन्य विभागों के इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए।
निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम कोरोना से जीती जंग कहीं हार न जाएं, इसलिए सभी सावधानियों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 टीकाकरण का काम अच्छी गति से चल रहा है, लेकिन इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि विभिन्न जिलों में सभी टीकाकरण केन्द्रों पर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित करें।