विवादों के बीच सेंसर बोर्ड ने मेकर्स को लौटाई ‘पद्मावती’, टल सकती है रिलीज डेट

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    इस समय राजस्थान सहित देश में चारों तरफ जिस विषय पर सबसे ज्यादा चर्चा है, वह है केवल और केवल ‘पद्मावती’। निर्देशक संजय लीला भंसाली की राजूपतों को लेकर बनाई गई इस फिल्म पर जमकर विरोध हो रहा है। पूरा राजूपत समाज और अब हिंदु समाज भी इस विरोध में आ खड़ा हुआ है। करणी सेना व बजरंग दल के साथ भाजपा और कांग्रेस के कई नेता अपनी जुबानी भाषा में इस विरोध में शामिल हो गए हैं, वहीं बॉलीवुड भंसाली और पद्मावती के पक्ष में खड़ा है। विरोध इतना तेज है कि फिल्म की रिलीज पर भी संशय बना हुआ है। दूसरी तरफ, केन्द्रीय फिल्म प्रमाणक बोर्ड यानि सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेशन का आवेदन अधूरा बता फिल्म को फिलहाल मेकर्स को वापस भेज दिया है। फिल्म लौटाने की वजह टेक्निकल बनाई गई है। मूवी का निर्धारित मानकों पर रिव्यू करने के बाद ही पद्मावती को दोबारा सेंसर बोर्ड को भेजा जाएगा। पद्मावती फिल्म् की रिलीज डेट 1 दिसम्बर रखी गई है, लेकिन सेंसर बोर्ड के फिल्म को लौटाने के बाद निर्धारित तारीख पर पद्मावती की रिलीज होनी मुश्किल लग रही है। ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि पद्मावती की रिलीज डेट टल सकती है।

    हालांकि फिल्म के सेंसर बोर्ड द्वारा लौटाए जाने के बावजूद फिल्म की प्रोड्यूसर कंपनी वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सीओओ अजीत अंधरे ने कहा है कि फिल्म की रिलीज डेट टलने की बात पूरी तरह से बेसलेस है। उनका कहना अपनी तरफ से पूरी तरह सही है लेकिन फिल्म रिलीज को केवल अब 12 दिन शेष रह गए हैं। सेंसर बोर्ड से पास हुए बिना फिल्म को रिलीज किया जाना भी मुमकिन नहीं है। ऐसे में भंसाली के पास पद्मावती फिल्म् की रिलीज डेट आगे टालने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भंसाली, दीपिका सहित रणवीर सिंह व शाहिद कपूर के पुतले भी फूंके जा रहे हैं जिसे देखते हुए फिल्म की रिलीज टालने के अलावा कोई उपाय भी फिलहाल नहीं दिख रहा है।

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    सूत्रों के मुताबिक भंसाली ने एक तीसरा रास्ता अपनाते हुए करणी सेना के पदाधिकारियों को फिल्म दिखाने की सहमति दे दी है। बताया जा रहा है कि भंसाली ने इस संबंध में सेंसर बोर्ड को एक पत्र भी लिखा है। वहीं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा ने फिल्म के खिलाफ फिर से याचिका दायर कर दी है और कोर्ट इसपर सुनवाई करने के लिए भी तैयार हो गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी ही एक याचिका को खारिज कर दिया था।

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    वहीं दूसरी ओर, भारतीय विदेश नीति के अध्यक्ष और वरिष्ठ पत्रकार वेदप्रताप वैदिक ने फिल्म देखकर इस फिल्म के बारे में अपने विचार साझा किए हैं। उनके अनुसार फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं बताया गया है जिसे लेकर विरोध किया जा सके। यह फिल्म राजपूतों के मान—सम्मान को लेकर बनाई गई है। वहीं घूमर नृत्य को लेकर उन्होंने कहा है कि यह नृत्य केवल पद्मावती ने अपनी पति रावल रतन सिंह के लिए किया था और उस दौरान​ किसी अन्य पुरूष की उपस्थिति वहां नहीं दिखाई गई। अत: यह एक ​व्यक्तिगत क्रियाकलाप है जो अपराध नहीं है।

    आपको बता दें कि राजपूत इतिहास से छेड़छाड़ के आरोप के चलते संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती का राजस्थान सहित देशभर में विरोध हो रहा है। फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह ने मुख्य भूमिका निभाई है।

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