राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सीपी जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जाति और धर्म के बारे में विवादित बयान देकर फंस गए हैं। गुरुवार को सीपी जोशी ने नाथद्वारा के सेमा गांव में चुनावी सभा की थी। इस दौरान उन्होंने कहा, “ऋतंभरा और मोदी की जाति क्या है, ये हिंदू धर्म के बारे में कैसे बात करते हैं? CP Joshi
इस देश में अगर धर्म के बारे में कोई जानता है तो ब्राह्मण जानता है। ब्राह्मण ही धर्म के बारे में बोल सकता है। अजीब देश हो गया है। उमा भारती लोधी समाज की हैं और वो हिंदू धर्म की बात कर रही हैं।” हालांकि इस बयान पर कांग्रेस की चारोंओर हो रही किरकिरी को देखते हुए राहुल गांधी की फटकार के बाद जोशी ने बयान पर माफी मांग ली है। CP Joshi
जोशीजी को अपनी गलती का अहसास होगा: राहुल गांधी
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान के नाथद्वारा से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी द्वारा की गई जातिगत टिप्पणी पर शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐतराज जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “सीपी जोशी जी का बयान कांग्रेस के आदर्शों के विपरीत है।” राहुल ने कहा कि जोशीजी को अपनी गलती का अहसास होगा, बयान पर खेद प्रकट करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी राहुल गांधी की बात का समर्थन किया है। CP Joshi
गहलोत ने कहा कि सीपी जोशी को इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीपी जोशी को फटकार तो लगाई ही साथ ही यह भी कहा कि पार्टी के किसी भी नेता को इस तरह के बयानों से बचना चाहिए। राहुल ने अपने सभी नेताओं को चुनाव माहौल खराब करने वाले बयानों से बचने की सख्त हिदायत दी है।
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कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस बनाएगी अयोध्या में भव्य मंदिर
विवादित बयान देकर फंसे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी ने इससे पहले बुधवार को कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनवाएगी। जोशी ने कहा कि बीजेपी में लोग कानून व संविधान को समझते हैं, इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे लोगों की भावनाओं को समझे।
सीपी जोशी ने यहां तक की देश की सभी रियासतों को एक करने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल पर भी सवाल उठा दिए। जोशी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल नेहरू की कैबिनेट में थे। पटेल की भारत के एकीकरण की योजना को नेहरू का समर्थन प्राप्त था। पटेल ने नेहरू की सहमति के बिना कुछ भी नहीं किया।