कांग्रेस के कई मंत्री-विधायकों पर मंडरा रहे संकट के बादल, जनाधार नहीं तो टिकट नहीं

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    जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। 10 महीनों बाद होने वाले चुनावों को लेकर सीएम अशोक गहलोत के बजट को लेकर चर्चा चल रही है। वहीं, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के हाल में राजस्थान के विधायकों से फीडबैक लेने के बाद अब उसको जमीन पर उतारने की कवायद भी शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कमजोर जनाधार वाले मंत्री-विधायकों के टिकटों पर इस बार खतरा हो सकता है।

    इन मंत्री और विधायकों काटे जा सकते हैं टिकट
    रिपोर्ट के अनुसार, जो फिर से जीत नहीं दिला सकते हैं उन मंत्री- विधायकों के टिकट इस बार काटे जा सकते हैं। कांग्रेस इसको लेकर आने वाले दिनों में एक सर्वे भी करवाने जा रही है। कांग्रेस की ओर से 200 सीटों पर होने जा रहे सर्वे में सैंपल साइज लिया जाएगा और हर सीट पर जनता की राय लेकर मौजूदा विधायक का एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा। इसी फीडबैक के आधार पर ही नेताओं के अगले चुनाव को लेकर टिकट पक्के किए जाएंगे।

    बसपा और निर्दलीय विधायकों को मिलेगी टिकट!
    राजस्थान में मौजूदा कांग्रेस सरकार गठबंधन में है जहां 13 निर्दलीय और 6 बसपा से कांग्रेस में आए विधायक हैं। बताया जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर से अगले चुनाव में टिकट देने का वादा किया हुआ है और इन 19 विधायकों के टिकट काटना आसान काम नहीं होगा क्योंकि इन्हें टिकट काट देने से चुनाव से पहले 19 सीटों पर हंगामा हो सकता है।