मरूस्थलीय प्रदेश राजस्थान के कई इलाकों में वर्षों से पानी की विकट समस्या रही है। प्रदेश के अधिकांश भूभाग पर रेतीली ज़मीन होने के कारण राजस्थान को मरू प्रदेश कहा जाता रहा है। इसका कारण यह है कि राजस्थान देश में सबसे कम वर्षा वाला राज्य है। औसत से भी कम कम वर्षा के कारण यहां जगह-जगह रेत के धोरे आसानी से देखने को मिल जाते हैं। आजादी के बाद से प्रदेश में कई सरकारें आईं और गई लेकिन इस समस्या का स्थाई हल निकालने की जहमत किसी सरकार ने नहीं उठाई। Yamuna Water
2013 में वसुंधरा राजे सरकार सत्ता में आयी और पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने इस समस्या का स्थाई समाधान निकालने की दिशा में विजन तैयार किया। मुख्यमंत्री राजे ने अपनी दूरदर्शी सोच का इस्तेमाल करते हुए भूजल विशेषज्ञों के साथ बैठकर पानी की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में प्रयास शुरू किए। Yamuna Water
सीएम वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन कार्यक्रम की शुरूआत करना उनकी दूरदर्शी सोच का ही नतीजा है। एमजेएसए कार्यक्रम का ही नतीजा है कि पिछले दो साल में राजस्थान के भूजल स्तर में जबरदस्त सुधार हुआ है। इसके अलावा प्रदेश के कई जिलों में विभिन्न लिफ्ट योजनाओं द्वारा पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।
राजे सरकार का लक्ष्य प्रदेश के सभी 33 जिलों में पेयजल के साथ ही किसानों को खेती के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना है। हाल ही में मुख्यमंत्री राजे ने अपने प्रयासों से करीब 24 साल पुराने शेखावाटी क्षेत्र को जल उपलब्ध कराने के मामले में सफलता हासिल की है। आइये जानते हैं शेखावाटी क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को कैसे पूरा कर दिखाया है…
हरियाणा के ताजेवाला हैड से यमुना का पानी मिलेगा राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र को
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों के कारण आखिरकार यमुना का पानी राजस्थान को मिल गया है। दरअसल, ताजेवाला हैड से यमुना का पानी राजस्थान को मिलने पर सहमति बन गई है। पाइप लाइन के माध्यम से यह पानी राजस्थान लाया जाएगा। सीएम वसुंधरा राजे ने हाल ही में जल संसाधन विभाग को इस योजना की डीपीआर जल्द से जल्द बनाने के निर्देश दिए हैं।
बता दें, केन्द्र सरकार इस योजना में पाइप लाइन बिछाने के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान करेगी। इस योजना से चूरू, सीकर एवं झुंझुनूं जिले के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग और पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा। शेखावाटी क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए हाल ही में झुंझुनूं जिले में कुंभाराम लिफ्ट नगर परियोजना भी शुरू की गई है। इससे शेखावाटी क्षेत्र में खेती के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा।
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24 साल पुराने समझौते के अनुसार राजस्थान को ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक पानी मिलेगा
राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डॉ. राम प्रताप ने बताया कि राजस्थान को यमुना के पानी के वितरण को लेकर 1994 में राजस्थान और हरियाणा के बीच हुए समझौते के अनुसार ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक पानी प्रदेश को आवंटित किया गया था। लेकिन 24 साल बीत जाने के बाद भी यह पानी किस प्रकार प्रदेश में लाया जाए इस पर सहमति नहीं बन पा रही थी।
गत 15 फरवरी को हुई अपर यमुना रिव्यू कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गड़करी के समक्ष इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाते हुए राज्य सरकार ने पाइप लाइन के माध्यम से पानी राजस्थान लाए जाने का प्रस्ताव रखा था। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने की मांग रखी थी।इन दोनों मांगों पर सहमति प्रदान कर दी गई है, जिसका कार्यवाही विवरण हाल ही में राज्य सरकार को प्राप्त हुआ है।
जल संसाधन विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल ने बताया कि जल संसाधन विभाग को इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट केन्द्र सरकार से पूर्व में ही प्राप्त हो गई है। अब जल्द ही पाइन लाइन बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। पाइन लाइन बिछने का काम पूरा होते ही यमुना के पानी की सप्लाई प्रदेश में शुरू हो जाएगी।
राजे सरकार के प्रयासों की बदौलत यह योजना शेखावाटी क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनदायनी साबित होगी। अब आने वाले कुछ महीनों में अतिशीघ्र पाइन लाइन बिछाकर शेखावाटी के इन तीनों जिलों में पेयजल सप्लाई शुरू कर दी जाएगी।