मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ड्रीम प्रोजेक्ट जल स्वावलंबन अभियान ने राजस्थान के रेगिस्तान की कायापलट कर दी है। अब राजस्थान पानी के लिए किसी दूसरे प्रदेश में निर्भर नही रहता। मुख्यमंत्री राजे के प्रयासो से राजस्थान अब रेगिस्तान नही रहा। जल स्वावलंबन अभियान से गांवों को भरपूर पानी मिल रहा है, किसानों को सिंचाई के लिए किसी पर निर्भर नही रहना पड़ता, पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था अब हर गांव और ढाणी में हो गई है। पानी के कारण अब किसानों को पलायन नही करना पड़ता।
इन दस शहरों में बनेगी हरित पट्टी
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत प्रदेश के दस शहरों में हरित पट्टी विकसित की जाएगी। इसके लिए स्वायत शासन विभाग की ओर से वन विभाग की भूमि लेगा। यह कार्य मानसून के दौरान हाथ में लिया जाएगा। तब तक विभाग की ओऱ से भूमि चिन्हित और आवंटित की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। स्वायत शासन विभाग की और से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन दश शहरों में हरित पट्टी विकसित की जाएगी उसमें गंगानगर, कैथून, कैशवरायापाटन, फतेहनगर, सवाईमाधोपुर, गंगापुर सिटी, हिंडौन सिटी, भरतपुर, डीग , दौसा शहर शामिल है।
प्रदेश का हुआ पुनरोद्वार, जीवन को मिला नया आधार
जल स्वावलंबन अभियान के पहले चरण में 66 शहर शामिल किए गये है। इनमें पौराणिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार का कार्य हाथ में लिया जा रहा है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करवाए जा रहे है। इस अभियान का उद्देश्य विभिन्न वित्तीय संसाधरनों के अभिसरण से जल संरक्षण एवं जल भराव संरचनाओं का पुनरोद्धार कर जल संरक्षण की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन करना हैं। जिससे वर्षा के बेकार बहते बहुमुल्य जल को संरक्षित कर उपयोग में लिया जा सकता है।
पहला चरण प्रदेश के लिए साबित हुआ वरदान
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि जल स्वावलंबन अभियान का पहला चरण में प्रदेश के 3 हजार 529 गांवों के लिए वरदान साबित हुआ है। जो पानी संग्रहण किया गया उससे 40 लाख लोग एवं 45 लाख पशु लाभान्वित हुए हैं। अभियान के तहत जल संरचनाओ के आसपास 28 लाख पौधे लगाए गए हैं। इनसे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
दूसरे चरण में 2100 करोड़ की लागत के होंगे कार्य
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दूसरे चरण में प्रदेश के करीब 43 00 गांवों में जल स्वावलंबन से संबंधिक कार्य करवाए जाने हैं। जल स्वावलंबन अभियान दूसरे चरण में 2100 करोड़ की लागत से प्रदेश के कई हिस्सों में कार्य कराये जाएंगे। अभियान के पहले चरण में इसे गांवों तक सीमित रखा गया था लेकिन दुसरे चरण में शहरों को भी शामिल किया जा रहा हैं। अब राजे सरकार शहरों में जल संग्रहण के लिए पूरानी बावड़ियों, तालाबों, जोहड़ों और चवदकों आदि का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके अलावा शहरों में रूफ टॉप वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा।