जयपुर। लॉकडाउन में मोबाइल और टीवी अधिक देखने के कारण आखों की रोशनी प्रभावित हुई है। कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम और ड्राई आई के मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों के चश्मों के नंबर में भी इजाफा हुआ है। इन चार महीनों में 0.5 नंबर बढ़ने की शिकायतें सामने आई हैं। अनलॉक होने के बाद भी अभी अस्पतालों में सामान्य रोगियों की संख्या कम पहुंच रही है, लेकिन, रामेश्वरी देवी राजकीय नेत्र चिकित्सालय में आउटडोर पहले के आसपास पहुंच गया है। इनमें सबसे अधिक रोगियों की तादाद ड्राई आई की है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र शर्मा का कहना है कि हाल के दिनों में कम्प्यूटर विजन सिंड्रोम के केस बढ़े हैं।
ऑनलाइन स्टडी
इसकी मुख्य वजह बच्चों का अधिक देर तक मोबाइल देखना है। क्योंकि ऑनलाइन स्टडी के कारण तो बच्चों को 4-5 घंटे मोबाइल देखना ही पड़ता है। उसके बाद भी बच्चे गेम और मनोरंजन कार्यक्रम देखते हैं। इस तरह उनका स्क्रीन टाइम 6-7 घंटे तक हो जाता है। इससे आंखों पर प्रेशर बना रहता है। इस कारण सिरदर्द, आंखों में पानी आना, पर्दे में सूजन की शिकायत बढ़ रही है। आंखों की रोशनी प्रभावित होने के कारण नंबर भी बढ़ रहे हैं। ऐसे तकरीबन 20 फीसदी मामले पिछले दो महीने में बढ़े हैं।
चश्में के नंबर भी प्रभावित
आंखों में जलन, लाल हो जाना, थकान, घबराहट, बेचैनी, सिर में दर्द की शिकायत लेकर बच्चे आ रहे हैं। इसकी वजह मोबाइल पर लगातार सक्रिय होना है। इससे चश्मों के नंबर भी प्रभावित हो रहे हैं। इसलिए विद्यार्थियों को चाहिए ऑनलाइन स्टडी के बाद मोबाइल नहीं देखें। हर 15-20 मिनट के बाद मोबाइल से दूरी बनाएं।