राजस्थान में नही मुख्यमत्री राजे का विकल्प, 2018 के चुनाव भी राजे ने नेतृत्व में लड़ेगी प्रदेश भाजपा

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देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अप्रत्याशित जीत दर्ज की हैं। पांच में से चार राज्यों में भारतीय जनता पार्टी अपनी सरकार बना रही हैं। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भाजपा अपने बहुमत के आधार पर सरकार बना रही हैं। चार राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद केंद्र और अन्य राज्यों में भी भाजपा को मजबूती मिली हैं। गोवा में सरकार बनाने के लिए केंद्र से रक्षा मंत्री का जिम्मा छोड़कर मनोहर पारिकर वापस आए हैं। वहीं इन चुनाव के बाद कई अफवाहे भी उड़ने लगी हैं, कहा तो यह तक जा रहा हैं कि राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को केंद्र में बुलाया जा सकता हैं और रक्षा मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी जा सकती हैं।

अफवाहों का दौर शुरू

देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के बाद देश में कई तरह की अफवाहों का दौर चल रहा हैं। कभी राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को केंद्र में रक्षा मंत्री तो कभी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को रक्षा मंत्री बनाए जाने की अफवाहे फैल रही हैं। इसी तरह राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में ओम प्रकाश माथुर के नेतृत्व में लड़े जाने की अफवाहे भी तेज हो गई हैं। ओम माथुर ने हाल ही में उत्तरप्रदेश में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाई हैं। मुख्यमंत्री राजे ने फिलहाल ऐसी अफवाहों पर रोक लगाई हैं।

राजस्थान का कुशल नेतृत्व कर रही हैं राजे

राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भाजपा का कुशल नेतृत्व कर रही हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में प्रदेश में करीब 162 सीटों पर प्रचंड़ जीत दर्ज की थी। आगामी विधानसभा चुनाव भी मुख्यमंत्री राजे के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। राजस्थान में मुख्यमंत्री राजे ने जिस प्रकार जनता के लिए विकास की सफल नीतियों से कार्य किया हैं उससे प्रदेश की जनता अभीभूत हैं। कहा जा सकता हैं कि केंद्र में भले ही राजे को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिले लेकिन राजस्थान में अगर भाजपा को नेतृत्व चाहिए तो राजे ही एक चेहरा हैं।

वसुंधरा राजे के अलावा भाजपा के पास नही कोई ऑप्शन

राजस्थान में विकास के नाम से ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की पहचान हैं। राजस्थान में अपने कुशल नेतृत्व व रणनीतियों से मुख्यमंत्री राजे ने प्रदेश की जनता की सेवा की हैं। अगर 2018 के चुनाव में राजस्थान में राजे को रिप्लेस करने की तैयारी की जाती हैं तो प्रदेश भाजपा के पास कोई ऑप्शन ही नही होगा कि कोई मुख्यमंत्री का स्थान ले सके। राजस्थान में भाजपा की जीत राजे का नेतृत्व तय करता हैं ऐसे में भाजपा अपने मजबूत गढ़ राजस्थान को खोना नही चाहेगी। वसुंधरा राजे पहले भी राजस्थान की मुख्यमंत्री थी, आज भी मुख्यमंत्री हैं और आने वाले 2018 के चुनाव में भी मुख्यमंत्री के तौर पर ही प्रदेश का नेतृत्व करेगी।

कांग्रेस कमजोर, भाजपा फिर हुई मजबूत

अगर देखा जाए 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले भाजपा ने एक बार फिर प्रदेश में अपनी स्थिती मजबूत की हैं जबकि कांग्रेस को मिली चार राज्यों में हार के बाद राजस्थान में भी कमजोर हुई हैं। अब चाहे कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत को प्रोजक्ट कर चुनाव लड़े या प्रदेशाध्यक्ष पायलट को, हार निश्चित हैं।

 

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