राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान आज बुधवार शाम पांच बजे समाप्त हो गया है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन प्रमुख दलों के कई दिग्गज नेताओं ने रैलियां, रोड शो कर पार्टी के लिए समर्थन जुटाया। बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, राजस्थान भाजपा अध्यक्ष मदनलाल सैनी समेत कई दिग्गज नेताओं ने जनसभाओं को संबोधित कर भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्थन मांगा। Rajasthan assembly elections
बीजेपी के चाणक्य माने जाने वाले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस बार अपनी खास रणनीति के तहत पार्टी की पूरी ताकत राजस्थान चुनाव में झोंक दी है। अमित शाह का पूरा फोकस अंतिम समय में अपने चुनावी मैनेजमेंट पर है।
मोदी, शाह और राजे समेत करीब 25 केन्द्रीय मंत्री अंतिम दिन चुनाव प्रचार में Rajasthan assembly elections
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के तहत राजस्थान चुनाव प्रचार के आखिरी दिन आज पीएम मोदी, खुद अमित शाह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित करीब 25 केन्द्रीय मंत्रियों ने बीजेपी के लिए प्रचार किया। ये सभी केन्द्रीय मंत्री और बड़े नेता प्रचार समाप्ति के बाद अलग-अलग जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को विभिन्न मु्द्दों के जरिए घेरने का प्रयास करेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पाली जिले के सुमेरपुर और दौसा में दो बड़ी सभाओं को संबोधित किया। बीजेपी अध्यक्ष शाह ने सुबह जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस और दोपहर 1 बजे अजमेर में रोड शो किया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने तीन जगह सभाएं की एवं बारां में रोड शो किया। अन्य बीजेपी नेताओं ने भी अंतिम दिन प्रचार में पूरा जोर लगा दिया।
प्रमुख कार्यकर्ता क्षेत्र के सभी बूथ इंचार्ज और पन्ना प्रमुखों के बैठक करेंगे Rajasthan assembly elections
अमित शाह ने संगठन स्तर पर जिला अध्यक्षों को निर्देश दिया है कि जिले के सभी बूथ पर इंचार्ज की कोऑर्डिनेशन टीम के संपर्क में रहें। सभी उम्मीदवार अपनी विधानसभा के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथ इंचार्ज और पन्ना प्रमुखों के साथ 6 दिसंबर को बैठक करें। बूथ इंचार्ज और पन्ना प्रमुख किसी भी प्रकार की समस्या बताते हैं तो उसका समाधान तुरंत किया जाए। Rajasthan assembly elections
इससे पहले मंगलवार को राजस्थान में मंडल स्तर पर आरएसएस पदाधिकारियों ने संघ के स्वयंसेवकों के साथ बैठक की। इन स्वयंसेवकों को निर्देश दिए गए हैं कि 7 दिसंबर को मतदान के दिन सुबह से अपने गली-मोहल्ले और परिचित लोगों में वोटर को मतदान केन्द्र पर लेकर जाएं और पार्टी के पक्ष में मतदान कराएं।
नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने का भी होगा अंतिम प्रयास
बीजेपी अध्यक्ष शाह की चुनाव जीतने की रणनीति में चुनावी अर्थमैटिक के साथ-साथ चुनावी केमिस्ट्री का भी रोल रहता है। इसलिए अमित शाह ने अपने अर्थमैटिक से पहले पार्टी की बिगड़ी हुई केमिस्ट्री को सुधारने के लिए नाराज नेताओं और कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने के लिए उन्हें चुनाव में जिम्मेदारी देकर उनकी नाराजगी को दूर करने काम किया।
अमित शाह चुनावी रणनीति के माहिर खिलाड़ी हैं वो अच्छी तरह जानते हैं कि अपने नाराज कार्यकर्ताओं को कैसे मनाया जाता है। पीठ थपथपाने के साथ उन्हें चुनाव में जिम्मेदारी देकर उनके महत्व को बरकार रखना उन्हें अच्छी तरह आता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि बीजेपी की 19 राज्यों में सरकार बनवा चुके अमित शाह राजस्थान में क्या गुल खिला पाते हैं। क्योंकि राजस्थान में हमेशा से ही सत्ता बदलाव का ट्रेंड रहा है। शाह, मोदी और राजे के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर से सत्ता पर काबिज हो पाएगी? इस सवाल का जवाब 11 दिसम्बर को आ जाएगा।