जयपुर। पंचायतों को भुगतान मामले पर सियासत गरमाई हुई है। अशोक गहलोत सरकार ने पीडी व्यवस्था को वापस ले लिया है और अब पंचायतों को भुगतान की पुरानी व्यवस्था ही जारी रहेगी। मुख्यमंत्री के निर्णय के बाद भाजपा नेताओं ने बयान जारी किये। सरकार को बैकफुट पर लाने में खुद का श्रेय लेते दिखाई दिए। अब भाजपा नेताओं में श्रेय लेने की होड़ सी मच गई। खास तौर से राज्य सभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और जयपुर सांसद रामचरण बोहरा सरकार को बैकफुट में आने पर खुद क्रेडिट लेते दिखाई दिए। तीनों ही नेताओं ने खुद की पीठ थपथपा रहे है। आपको बता दे कि पिछले दिनों पूरे प्रदेश में सरपंचों ने भी एकजुट होकर इस व्यवस्था का विरोध किया था। सरपंचों ने इसे राज्य सरकार का तुगलकी फरमान करार देते हुए ग्राम पंचायतों पर तालाबंदी कर विरोध जताया था।
यूं लिया सरकार ने यू-टर्न
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंचायतों की भुगतान व्यवस्था को पूर्व की भांति बैंकों के माध्यम से जारी रखने का फैसला लेते हुए यू-टर्न ले लिया। सरकार ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सरपंचों ने पंचायतीराज संस्थाओं एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं के भुगतान के लिए बैंक खातों के स्थान पर पीडी खाता प्रणाली को लागू करने के संबंध में व्यावहारिक समस्याओं से अवगत कराया था। इन समस्याओं के निदान को देखते हुए निर्णय लिया गया कि पंचायतों की भुगतान व्यवस्था को पूर्ववत् जारी रखा जाए, ताकि पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यों में किसी तरह की व्यावहारिक बाधाएं न आए।